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हम हिंदू हैं, हिंद देश है, हिंदी मेरी भाषा है, विश्वपटल पर हिंदी गूंजे ये मेरी अभिलाषा है
स्वतंत्रता दिवस पर गीतकार प्रसून जोशी का गीत पढ़ने में अब न करें देर
ए वतन इक रोज तेरी खाक में खो जाएंगे, सो जाएंगे... अलविदा राहत साहब
रक्षाबंधनः भाई की कलाई के बारे में बहुत कुछ कहती गीतकार प्रसून जोशी की ये कविता