गोरखपुर में सीएम की सुरक्षा की खातिर 11 अल्पसंख्यक परिवारों को किया जाएगा विस्थापित
अल्पसंख्यकों के घरों को खाली कराने के संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से एक सहमति पत्र तैयार किया गया है, जिस पर 11 में से नौ लोगों ने सहमति देते हुए दस्तखत कर दिए हैं, जबकि दो परिवार ने सहमति नहीं दी है।
गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने पर स्थित अल्पसंख्यकों के 11 घरों को खाली कराया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि सभी की सहमति के बाद घर खाली कराए जाएंगे।
संबंधित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। उनके दूसरी जगह बसाने की पूरी व्यवस्था की जाएगी।मालूम हो कि पिछले महीनों में कई बार मुख्यमंत्री को फोन पर जान से मारने की धमकी मिलती रहीं है। इसलिए सुरक्षा एजेंसियों ने सीएम की सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रहीं है।
अल्पसंख्यकों के घरों को खाली कराने के संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से एक सहमति पत्र तैयार किया गया है, जिस पर 11 में से नौ लोगों ने सहमति देते हुए दस्तखत कर दिए हैं, जबकि दो परिवार ने सहमति नहीं दी है।
वहीं, कुछ लोग दबी जुबान में आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन जबरन दस्तखत करा रहा है। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि सहमति पत्र में न तो मुआवजे की बात कही गई है न ही यह स्पष्ट है कि सहमति पत्र किस विभाग की तरफ से तैयार किया गया है।
हालांकि कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा है। संबंधित परिवारों के लोग इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। इस संबंध में जिला प्रशासन का दावा है कि किसी पर भी दबाव नहीं बनाया गया है।
कार्रवाई शुरूआती दौर में है। अभी लोगों से सहमति ली जा रही है। तत्काल किसी को बेघर नहीं किया जा रहा है। सभी की सहमति, मुआवजा आदि की घोषणा के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र एवं राज्य की खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा के लिहाज से एक रिपोर्ट तैयार की है। इसी आधार पर मंदिर के मुख्य गेट से सटे पंजाब नेशनल बैंक की इमारत, जो कि मंदिर की संपत्ति है, उसे भी परिसर में मिलाने का प्रस्ताव है, ताकि मुख्य द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा सके।
ऐसे इंतजाम किए जाएं कि गेट पर ही हर व्यक्ति से लेकर वाहन तक की जांच हो सके। साथ ही मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने और कुछ और हिस्सों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।
इसी के मद्देनजर शासन के निर्देश पर प्रशासन ने इन घरों को खाली कराने की तैयारी शुरू की है। सबसे सहमति बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। एजेंसियों ने सीएम की सुरक्षा को खतरा बताया है।
जिला प्रशासन का कहना है कि मामला प्रारंभिक दौर में है। जो भी घर हटाने की तैयारी है वे सभी अल्पसंख्यकों के हैं। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग तरह-तरह की अफवाहें फैलाकर मामले को धार्मिक रूप देने में जुट गए हैं। सभी की सहमति से सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन का इस संबंध में कहना है कि सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कोई शिकायत नहीं कर रहे, मगर कुछ लोग उन्हें न केवल उकसा रहे, बल्कि गलत बयानबाजी कर रहे हैं। मामले को धार्मिक रूप देकर शांति व्यवस्था भंग करने की साजिश रचने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। उन पर कार्रवाई की जाएगी।
किसी से जोरजबरदस्ती नहीं होगी
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मकान शिफ्टिंग में कोई जोरजबरदस्ती नहीं होगी। जो सहमति से जाना चाहेंगे, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इसकी जानकारी सबको दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला है, इस लिहाज से स्थानीय लोग संवेदनशीलता दिखा रहे हैं। सब खुद मुआवजा लेकर दूसरी जगह जाने के लिए तैयार हैं।
गोरखनाथ मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस बल की तैनाती के लिए शासन के निर्णय के क्रम में गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने पर ग्राम पुराना गोरखपुर तप्पा कस्बा परगना हवेली तहसील सदर जनपद गोरखपुर स्थित हम निम्नांकित व्यक्ति अपनी भूमि व भवन को सरकार के पक्ष में हस्तांतरित करने के लिए सहमत हैं। हम लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। सहमति की दशा में हम लोगों के हस्ताक्षर नीचे अंकित हैं।
गोरखपुर डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिगत शासन के निर्देश पर गोरखनाथ मंदिर परिक्षेत्र के 11 घर खाली कराए जाने हैं। सहमति के आधार पर ही ये घर खाली कराए जाएंगे। सभी को उचित मुआवजा दिया जाएगा। किसी के साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की जा रही है। नौ लोगों ने स्वेच्छा से दस्तखत किए हैं। दो लोगों की दस्तखत बाकी है। कार्रवाई बेहद शुरूआती स्तर पर है।
संबंधित परिवार के लोगों को कोई एतराज नहीं है, मगर कुछ लोग तरह-तरह की अफवाह फैलाकर मामले को धार्मिक रूप देने में जुटे हैं। प्रशासन ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेगा। संबंधित घरों के बगल में कुछ मकबरे भी हैं, उन्हें नहीं हटाया जाएगा। किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचने दी जाएगी। मामला सिर्फ और सिर्फ सुरक्षा का है। इसे किसी और नजरिए से देखना उचित नहीं है।
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