नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद 21 जवान लापता, गृहमंत्री शाह ने मुख्यमंत्री बघेल से की बात
अपडेट हुआ है:
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शहीद जवानों को मेरा नमन है। देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। अमित शाह ने कहा कि शहीद जवानों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। शांति और विकास के दुश्मनों के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी।
सुकमा। छत्तीसगढ़ शनिवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भयंकर मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ पांच जवान शहीद हो गए। कई नक्सली भी मारे गए। मुठभेड़ समाप्त होने के बाद 21 जवान जब कैंप नहीं लौटे तो हडकंप मच गया। यह मामला छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक पहुंचा तो गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से इस विषय में चर्चा की।
गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है और सीआरपीएफ के महानिदेशक को घटनास्थल पर जाने के लिए कहा। वहीं सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। शहीद हुए पांच जवानों में से दो जवानों के शवों को बरामद कर लिया गया है।
वहीं पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, घटनास्थल से एक महिला नक्सली का शव भी बरामद हुआ है। इस हमले में घायल हुए 23 जवानों को बीजापुर के अस्पताल में भर्ती किया गया है तो वहीं सात जवान रायपुर के अस्पताल में भर्ती किए गए हैं।
इस नक्सली हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शहीद जवानों को मेरा नमन है। देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। अमित शाह ने कहा कि शहीद जवानों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
शांति और विकास के दुश्मनों के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने बताया कि शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था।
उन्होंने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर और पामेड़ से तथा सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे।
पाल ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ में कोबरा बटालियन का एक जवान, बस्तरिया बटालियन के दो जवानों तथा डीआरजी के दो जवानों (कुल पांच जवानों) की मृत्यु हुई है। इस दौरान 30 जवान घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुठभेड़ में पांच जवानों की शहादत पर दुख व्यक्त किया है।
तीन घंटे तक चली मुठभेड़
ऐसा माना जा रहा है कि जवानों को नक्सलियों के हमले का पहले से अंदेशा था, इसलिए नक्सल विरोधी अभियान में दो हजार जवानों को शामिल किया गया था। बीजापुर-सुकमा जिले का सरहदी इलाका जोनागुड़ा नक्सलियों का मुख्य इलाका है।
यहां नक्सलियों की पूरी बटालियन और कई प्लाटून हमेशा तैनात रहती हैं। इस पूरे इलाके की कमान महिला नक्सली सुजाता के हाथों में है। पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने कहा कि ये मुठभेड़ करीब दो-तीन घंटे चली। पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सली दो ट्रैक्टरों में शवों को ले गए थे।