पूर्वांचल के 23 गांव में आजादी के बाद पहली बार चुनी जाएगी गांव की सरकार
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पूरे प्रदेश की तरह इन 23 गांवों में भी अब राजनीतिक की बात होने लगी है। प्रत्याशी अपनी जीत के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं। हालांकि साल 2016 में इन्हें पंचायत में शामिल कर वोट देने का अधिकार तो मिल गया था लेकिन, न तो इनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा मिला था और न ही किसी भी सरकारी योजना का लाभ।
गोरखपुर। इस समय गोरखपुर के 23 गांव में जश्न का माहौल है, क्योंकि यहां आजादी के बाद पहली बार गांव की सरकार चुनी जाएगी। आपकों बता दें कि गोरखपुर के 23 गांव ऐसे थे, जिन्हें राजस्व का दर्जा नहीं प्राप्त था, इसलिए यह सभी सरकारी योजनाओं से वंचित थे।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन वनटांगियां गांवों को राजस्व का दर्जा दिलाया। अब इस गांव में पहली बार गांव की सरकार बनेगी। यही वजह है कि पूरे गांव में उत्सव जैसा महौल है। पूरे प्रदेश की तरह इन 23 गांवों में भी अब राजनीतिक की बात होने लगी है।
प्रत्याशी अपनी जीत के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं। हालांकि साल 2016 में इन्हें पंचायत में शामिल कर वोट देने का अधिकार तो मिल गया था लेकिन, न तो इनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा मिला था और न ही किसी भी सरकारी योजना का लाभ।
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साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा भी मिला और वोट देने का अधिकार भी अब ये वनटांगिया गांव के लोग पहली बार गांव की सरकार चुनने जा रहे हैं।
वनटांगियां गांव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र में आता है। मुख्यमंत्री बनने से पहले वे यहां के सांसद थे। उस समय यहां के लोगों ने अपना दर्द बताया था, इसके बाद से लगातार उनके उत्थान के लिए प्रयास कर रहे है। मुख्मंत्री इन्ही गांव में दिवाली मनाने आते रहे हैं।
मालूम हो कि 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो 17 अक्टूबर को गोरखपुर के 5 और महराजगंज के 18 गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया गया था। अब इन 23गांवों में पहली बार गांव की सरकार चुनी जाएगी।
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500 घर में 480 मुख्यमंत्री आवास
गांव के मुखिया राम गणेश मौर्य बताते हैं कि यहां 500 घर हैं। जिनमें से 480 मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं। 400 हजार की आबादी वाले गांव में 1950 वोट हैं। आजादी के 73 साल बाद ऐसा पहला मौका है, जब गांव के लोग गांव की सरकार चुनने जा रहे हैं।
साल 2017 में वे लोग मतदान किए थे, तब पिछड़ी सीट थी. इस बार एससी सीट है। तब न वे राजस्व गांव का दर्जा पाए थे और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ, वे कहते हैं कि साल 2009 से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां पर हर साल दिवाली मनाने के लिए आते हैं।
उनकी सरकार बनने के बाद गोरखपुर के पांच और महराजगंज जिले के 18 गांव को राजस्व गांव का दर्जा मिला और सड़क, बिजली, पानी, मकान, शिक्षा, विधवा-वृद्धा पेंशन, राशन, वोटर आईडी कार्ड आधार कार्ड जैसी सभी योजनाओं का लाभ भी गांववालों को मिलने लगा।