यूपी चुनाव से पहले 257 नेता हुए चित्त, जानिए क्यों नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

टीम भारत दीप |

इन प्रत्याशियों ने  चुनाव लड़ने के बाद किए गए खर्च का ब्यौरा नहीं दिया।
इन प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ने के बाद किए गए खर्च का ब्यौरा नहीं दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो राज्य के 257 लोग अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में नहीं लड़ सकेंगे, केन्द्रीय चुनाव आयोग ने इन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है, इन लोगों ने पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में खर्च का ब्योरा समय और ठीक तरह से आयोग को नहीं दिया।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव अगले साल होने है, इससे पहले विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने का ख्वाब देखने वाले दावेदारों के अरमानों पर पानी फिरने वाला है। क्योंकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने ऐसे 257 लोगों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया है।

अब इन दावेदारों ने चुनाव आयोग के चक्कर लगाने शुरू कर दिया है, इस लिस्ट में कई पूर्व विधायक और पूर्व सांसद भी शामिल हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह फैसला तब लिया है जब 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग को समय से और ठीक तरह से नहीं दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो राज्य के 257 लोग अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में नहीं लड़ सकेंगे, केन्द्रीय चुनाव आयोग ने इन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है, इन लोगों ने पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में खर्च का ब्योरा समय और ठीक तरह से आयोग को नहीं दिया।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इन 257 लोगों में से 34 लोग 2019 का लोकसभा का चुनाव लड़े थे,जबकि 213 लोग 2017 में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी थे। इन्होंने चुनाव लड़ने के बाद किए गए खर्च का ब्यौरा नहीं दिया। 

सर्वाधिक निर्दलीय लोग शामिल है

इन 257 लोगों में सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार है। राजनीतिक दलों में सर्वाधिक 12 उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकदल के हैं। इसके बाद छह उम्मीदवार पीस पार्टी, पांच एनसीपी, चार-चार उम्मीदवार सीपीआई और बसपा, दो प्रत्याशी निषाद पार्टी, दो सीपीआईएमएल व एक कांग्रेस का है।

इन  सभी को एक साल के लिए चुनाव लड़ने से रोका गया है यह अवधि अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले विधान सभा चुनाव के बाद ही खत्म होगी, अब इनका ख्वाब इस चुनाव में नहीं पूरा हो पाएगा। 

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