कानपुर में बैंक लॉकर से गायब हो गए 30 लाख के जेवर, बैंक मैनेजर, लॉकर इंचार्ज पर मुकदमा

टीम भारत दीप |

बैंक में दो नए अफसरों की तैनाती कर दी गई है।
बैंक में दो नए अफसरों की तैनाती कर दी गई है।

कानपुर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) की कराची खाना शाखा में देखने को मिला। यहां पर एक के बाद एक तीन लॉकरों से लाखों के जेवरात निकाल​ लिए गए। जब मामला खुला तो सभी के होश उड़ गए।

कानपुर। देश के अधिकांश लोग अपने जेवरात और रुपयों को चोर उचकों से बचाने के लिए बैंक के लॉकर में हैं, जिससे वह सुरक्षित रह सकें। लेकिन बैंक लॉकर में भी लोगों के जेवर सुरक्षित नहीं है। इसका ताजा उदाहरण यूपी के कानपुर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) की कराची खाना शाखा में देखने को मिला।

 यहां पर एक के बाद एक तीन लॉकरों से लाखों के जेवरात निकाल​ लिए गए। जब मामला खुला तो सभी के होश उड़ गए, जानकारी पर बैंक प्रबंधन ने पहली कार्रवाई करते हुए बैंक मैनेजर राम प्रसाद और लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय का तबादला कर दिया है, इतना ही नहीं दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।

मामला खुलने के बाद से ही शुभम मालवीय फरार हो गया है, तभी से पुलिस का शक और भी गहरा गया है। वहीं, जांच के लिए एसीपी कोतवाली अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है, जबकि बैंक में दो नए अफसरों की तैनाती कर दी गई है।

तीन लॉकरों से गहने चोरी

कानपुर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई) की कराची खाना शाखा में एक के बाद एक तीन लॉकरों से लाखों के जेवरात चोरी हो गए, पहले तो उपभोक्ताओं की शिकायत पर प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि बैंक प्रबंधन ने घटनाओं को ही संदिग्ध बताते हुए स्टाफ को क्लीन चिट दे दी थी, जब मामला बढ़ता देख प्रबंधन ने दोबारा से जांच के आदेश दिए हैं।

सोमवार को नए क्षेत्रीय प्रबंधक आरएम दयानंद पांडेय ने ज्वाइनिंग के बाद अफसरों के साथ बैठक की और कार्रवाई के आदेश दिए, ग्राहकों से अनुरोध है कि वे बैंक आकर अपने लॉकर खोलकर देख लें। इस दौरान वीडियोग्राफी कराई जाएगी, ग्राहक भी अपने लॉकर का वीडियो बना सकेंगे।

बैंक लॉकर से 30 लाख के जेवर गायब

कुछ महीने पहले बैंक के उच्च प्रबंधन से अनुमति लेकर 50 के करीब बैंक लॉकर तुड़वाए गए थे, बताया जा रहा है कि ये लॉकर सालों से ऑपरेट नहीं किए जा रहे थे और बैंक को लॉकरों का किराया भी नहीं मिल रहा था, इसके बाद प्रबंधन की अनुमति से एक कंपनी के ठेकेदार को लॉकर तोड़ने का ठेका दिया गया था।

इस दौरान सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराची खाना स्थित शाखा के लॉकरों को खोला गया तो तीन ग्राहकों के 30 लाख के जेवर गायब होने का मामला सामने आया, लॉकर तोड़ने के बाद बैंक प्रबंधन कह रहा था कि जिन लॉकरों को तोड़ा गया था वो सभी खाली थे,

बैंक सूत्रों के अनुसार लॉकर तोड़ने के संबंध में अफसर की ड्यूटी भी लगाई गई थी। आशंका है कि लॉकर तोड़ने के दौरान काम करने वाले कर्मचारी या किसी अफसर ने मिलीभगत करके लॉकर खाली कर दिए हों और लॉकरों को खाली बता दिया गया हो.

बैंक को यह करना होता है

आरबीआई का नियम है कि अगर बैंक में लंबे समय तक कोई ग्राहक लॉकर ऑपरेट नहीं करता है तो बैंक ग्राहकों से संपर्क करता है या फिर आवश्यक पत्राचार करते हैं,

यदि लॉकर संबंधी जानकारी नहीं मिलती है तो उच्च प्रबंधन से अनुमति लेकर बैंक के लॉक तोड़े जाते हैं, लेकिन सेंट्रल बैंक इंडिया की कराचीखाना शाखा में इस तरह की कोई भी प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया।

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