अलीगढ़ में सड़क किनारे 488 धार्मिक स्थल चिन्हित, डीएम भेजेेंगे रिपोर्ट

टीम भारत दीप |

2011 के बाद राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग, सड़कों व गलियों के किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश  हैं।
2011 के बाद राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग, सड़कों व गलियों के किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश हैं।

नगर निगम की सड़कों पर 111 मंदिर, मस्जिद एवं मजार आदि चिह्नित किए गए हैं। ये चिन्हीकरण करीब दस साल पहले किया गया था। सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 111 स्थलों की सूची सौंप दी गई है। शासन-प्रशासन की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई होगी।

अलीगढ़।  उत्तर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के निर्देश पर सड़क  किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए कार्रवाई करने जा रही है। इस क्रम में गत दिवस सीएस अवनीश अवस्थी ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर ऐसे स्थानों की सूची मांगी थी।

इसके बाद अलीगढ़ जिले में सड़क किनारे व रास्तों पर 488 धार्मिक स्थल खोजे गए है।   इसका खुलासा शनिवार को सभी एसडीएम, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, एचएचएआई, एडीए की रिपोर्ट में हुआ है। जिलाधिकारी अब शासन को यह पूरी रिपोर्ट भेजेंगे।

2011  के बाद धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा

मालूम हो कि कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2011 के बाद राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग, सड़कों व गलियों के किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के शासन के आदेश के बाद जिला स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं।

डीएम ने इस संबंध में एसएसपी, नगर आयुक्त, सभी एसडीएम, पीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद सर्वे शुरू हुआ तो शहर के साथ ही देहात इलाके में जिले में कई स्थानों पर धार्मिक स्थल सड़क किनारे पाए गए। इनको हटाकर दूसरे स्थान पर बसाने के लिए कोर्ट की ओर से भी आदेश जारी किया गया था।

अब प्रशासन इस रिपोर्ट को शासन को भेजेगा। वहां से आदेश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। डीएम चंद्रभूषण सिंह के मुताबिक सभी विभागों को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी थी, उन्होंने रिपोर्ट दे दी है। इसे शासन को भेजा जाएगा।

नगर निगम ने करीब 10 वर्ष पहले चिह्नित किए थे धार्मिक स्थल

नगर निगम की सड़कों पर 111 मंदिर, मस्जिद एवं मजार आदि चिह्नित किए गए हैं। ये चिन्हीकरण करीब दस साल पहले किया गया था। सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 111 स्थलों की सूची सौंप दी गई है।

शासन-प्रशासन की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट करीब दस साल पुरानी है। इसका भौतिक सत्यापन आदि का कार्य होना है।
 


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