69000 शिक्षक भर्ती मामला: लखनऊ में 27 दिनों से प्रदर्शन जारी, अब आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थी
यहां धरने दे रहे अभ्यर्थियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को करीब 2 हजार से अधिक अभ्यर्थी निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के कैंप कार्यालय पर पहुंचे।वहीं आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन को आमरण अनशन में तब्दील कर दिया है।
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में 22 हजार पद बढ़ाने की मांग को लेकर बीते 27 दिनों से अभ्यर्थियों का आन्दोलन जारी है। यहां धरने दे रहे अभ्यर्थियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को करीब 2 हजार से अधिक अभ्यर्थी निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के कैंप कार्यालय पर पहुंचे।वहीं आंदोलनकारियों ने प्रदर्शन को आमरण अनशन में तब्दील कर दिया है।
बताया गया कि 10 लोग चार दिन से अनशन पर बैठे है। इसमें कुछ लोगों की तबीयत भी खराब भी अब बिगड़ने लगी है। आरोप है कि उनके मेडिकल चेकअप के लिए भी कोई नहीं आता है। बताया गया कि वह 21 जून से धरना दे रहे हैं लेकिन अभी तक कोई आला अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया। इससे नाराज अभ्यर्थियों ने ऐसे में अनशन को आमरण अनशन में तब्दील कर दिया गया है।
बताया गया कि आमरण अनशन पर बैठने वालों में प्रमुख रुप से आलोक सिंह, शिव प्रताप सिंह, शशांक तिवारी, विकास गुप्ता, विवेक द्विवेदी, शोभा मिश्रा, ज्योति, प्रियंका, सेवा खान, संगीता, इन्द्रकला समेत अन्य नाम शामिल हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया विवादों में हैं। कभी कोई आरक्षण तक कोई पद खाली होने की दलील देकर इसमें लगातार आंदोलन कर रहा है।
बताते चलें कि सोमवार को भी यही लोग मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थें। जहां से पुलिस ने बल प्रयोग कर 200 से अधिक अभ्यर्थियों को गाड़ी में भरकर धरना स्थल इको गार्डेन भेज दिया था। इधर अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, उसके बाद भी उसको फॉलो नहीं किया जा रहा है। बता दें कि प्रदर्शनकारियों में वह अभ्यर्थी ज्यादा है , जिनका मेरिट में नाम नहीं आया।
सभी लोग इसमें धांधली का आरोप लगा रहे है। आरोप के मुताबिक प्रदेश में रिक्त शिक्षकों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में अभी कम से कम 22 हजार बहाली और की जा सकती है। यहां प्रदर्शनकारी लगातार सीट बढ़ाने को लेकर नारे लगा भी रहे है। अभ्यर्थियों ने हाथों में अपनी मांगों से संबंधित पोस्टर भी ले रखे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले ओबीसी और एसई वर्ग के लोगों ने पिछले दिनों शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के घर का भी घेराव किया था। अभ्यर्थियों का आरोप था कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के नियम को फॉलो नहीं किया गया है। इसमें 6 लोगों का डेलिगेशन शिक्षा मंत्री से मिला भी था। उसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा बताया था कि 15 हजार लोगों की नौकरी मारी जा रही है।
वहीं मंत्री ने मामले में आयोग से चार दिन में रिपोर्ट मांगने की बात कही थी।