नशे में थप्पड़ मारा तो दोस्त ने की हत्या, 37 घंटे घर में रखा शव
आरोपित ने दोस्त क हत्या के बाद 37 घंटे तक शव को अपने पलंग के नीचे छिपाए रखा। रविवार और सोमवार को उद्भव के एटीएम से 40 हजार रुपए निकाले गए। पुलिस ने जब एटीएम के फुटेज निकाले तो इस वारदात का खुलासा हो गया।
भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में दो दोस्त पहले बैठकर शराब पी। इसके बाद एक कॉमन फ्रेंड को लेकर बहस होने लगी तो एक दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मार दिया।
नाराज दोस्त ने गला दबाकर उसकी जान ही ले ली।हत्या के बाद य शव पलंग के नीचे छिपाए रखा। 37 घंटे बाद उसने चचेरे भाई के साथ मिलकर शव को बोरी में भरकर एक खाली प्लॉट में फेंक आया।इसके बाद दोस्त के एटीएम कार्ड से 40 हजार रुपए निकाल लिया। यहीं गलती उसके पकड़े जाने का जरिया बना।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रेस अधिकारी रहे राजेंद्र जोशी के छोटे बेटे उद्भव जोशी रोज की तरह चार दिसंबर को दफ्तर गए, फिर घर नहीं लौटे। पांच दिसंबर को बड़े भाई ने उनकी गुमशुदगी बागसेवनिया थाने में दर्ज करवाई थी।
खोजबीन में प्लास्टिक के बोरे में उद्भव का शव मिनाक्षी प्लेनेट सिटी चौराहे के पास खाली प्लॉट पर मिला। उनके गले में कूलर वायर लिपटा था। बागसेवनिया पुलिस ने छह घंटे बाद ही इस मामले में रिटायर्ड इनकम टैक्स अफसर के बेटे अभिजीत साकल्ले को गिरफ्तार कर लिया।
खुलासा हुआ कि उद्भव और अभिजीत अच्छे दोस्त थे और दोनों में एक युवती को लेकर विवाद हो गया।पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपित ने दोस्त क हत्या के बाद 37 घंटे तक शव को अपने पलंग के नीचे छिपाए रखा।
पुलिस को उद्भव की जेब से उसका एटीएम कार्ड नहीं मिला। पुलिस ने उक्त बैंक खाते की जानकारी ली तो पता चला कि रविवार-सोमवार को दो बार में 40 हजार रुपए निकाले गए हैं।
एटीएम के फुटेज निकालने पर खुलासा हुआ कि ये रकम उद्भव के साथ काम करने वाले अभिजीत साकल्ले ने ही निकाली है। पुलिस ने अभिजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह गुमराह करने लगा। थोड़ी सख्ती बरतते ही उसने कत्ल का राज बयां कर दिया।
बेरोजगार था आरोपित: आरोपित ने बताया कि अगस्त में उसकी नौकरी छूट गई थी, इसके बाद भी दोनों अक्सर मिलते रहते थे। चार दिसंबर की सुबह करीब 11 बजे मैं उद्भव को अपने साथ रामेश्वरम एक्सटेंशन स्थित अपने घर ले आया।
उस वक्त मेरे माता-पिता एक शादी समारोह में गए थे, जबकि भाई भी घर पर नहीं था। अपने कमरे में मैंने शराब पी। तभी एक कॉमन फ्रेंड को लेकर हमारी बहस होने लगी। गुस्से में उद्भव ने मुझे थप्पड़ मार दिया, इसलिए मैंने तार से उसका गला घोंट दिया।
नॉनवेज का बहाना: चचेरे भाई की मदद से शव को ठिकाने लगाया आरोपी अभिजीत ने उद्भव का शव 37 घंटे तक अपने पलंग के नीचे छिपा कर रखा था। छह दिसंबर की रात करीब एक बजे उसने अपने चचेरे भाई की मदद से शव को बोरे में भरकर मिनाक्षी प्लेनेट सिटी के पास फेंक दिया।
उसने भाई से कहा था कि कुछ नॉनवेज मंगवाया था, जिसे फेंकने चलना है। हालांकि, पुलिस उसके इस बयान को गलत मानते हुए चचेरे भाई को भी आरोपी बनाएगी। वहीं युवक की मौत से उसका परिवार पूरी तरह टूट गया। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि उसके बेटे की हत्या उसके दोस्त ने ही की है।