खाकी में छिपे हैवान को जिस्म की लगी भूख ! हमबिस्तर होने का पीड़िता पर बनाया दबाव
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कोतवाली भदोही थाना इंसाफ के पहुंची एक महिला को कस्बा चौकी प्रभारी दरोगा संतोष राय के पास भेज दिया गया। पीड़िता एक मामले में कार्रवाई की मांग के लिए जब दरोगा साहब के पास पहुंची तो दरोगा साहब ने कोई कार्रवाई तो नहीं की।
भदोई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जहां एक ओर मिशन शक्ति के तहत महिला सुरक्षा, सम्मान के साथ-साथ उनका सशक्तिकरण कर यूपी में बढ़ रहे महिला अपराधों की जमीनी सूरत-ए-हाल को बदलने का दावा कर रहे हैं तो वहीं सुरक्षा का दंभ भरने वाले खाकी में छिपे हैवान महिलाओं के जिस्म से अपने हवस की भूख को मिटाने को आतुर है।
इंसाफ मांगने खाकी की चौखट पर पहुंच रही पीड़िताओं पर हम बिस्तर होने का दबाव बनाते इन्हें बिल्कुल शर्म भी नहीं आती। खाकी को कलंकित करने वाली ये ताजा घटना उत्तर प्रदेश के भदोई जिले की है। दरअसल यहां कोतवाली भदोही थाना इंसाफ के पहुंची एक महिला को कस्बा चौकी प्रभारी दरोगा संतोष राय के पास भेज दिया गया।
पीड़िता एक मामले में कार्रवाई की मांग के लिए जब दरोगा साहब के पास पहुंची तो दरोगा साहब ने कोई कार्रवाई तो नहीं की। अलबत्ता आपदा में अवसर खोजते हुए पीड़िता पर ही हम बिस्तर होने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद तो दरोगा साहब की हिम्मत ऐसी बढ़ी की वो सीधे पीड़िता से कार्रवाई के बदले एक रात उनके साथ गुजारने की बात कहने लगे।
पीड़िता ने लाख दुहाई दी कि वो गलत नहीं है। फिर भी दरोगा साहब की आशिक मिजाजी लगातार बढ़ती ही गई। आखिरकार पीड़िता ने पुलिस के आलाअधिकारियों से जब शिकायत की। तब कहीं जाकर दरोगा पर जांच बैठाई गई। फिलवक्त दरोगा साहब को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वहीं इस मामले की जांच जारी है।
इस मामले को लेकर पीड़िता-दरोगा के बीच बातचीत का एक वीडियों भी खूब वायरल हो रहा है। इस आधे घंटे के वीडियों में दरोगा साहब ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी है। इसमें वो महिला से एक रात हम बिस्तर होने की बात साफ कहते नजर आ रहे है।
साथ ही महिला के बार-बार मना करने पर वो कहते नजर आ रहे है कि ‘उन्हें भूख लगी है, खाने की नहीं बल्कि उस महिला के जिस्म की भूख।’ इस वीडियों में बातचीत के दौरान दरोगा साहब ने ऐसी-ऐसी बातें कही। जिसे लिखना या बताना यहां संभव नहीं।
बहरहाल मामले में जांच जारी है। दरोगा साहब को क्या सजा मिलती है यह देखना दिलचस्प होगा। आपकों यह भी बताते चलें कि नवरात्र के दिनों में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में शक्ति स्वरूपा महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व सशक्तिकरण को लेकर मिशन शक्ति का आगाज किया था। जिसका दूसरा चरण बाल दिवस से आरम्भ होने वाला है।
लेकिन अभियान की हकीकत में जाए तो इससे जमीनी हालात में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है। सरकारी अधिकारी आपदा में अवसर तलाशने में लगे हैं। ऐसे में सीएम योगी की इस सार्थक मंशा को जमीन पर सही से उतारने के लिए शासन-प्रशासन को और भी कारगार कदम उठाने होंगे। अन्यथा अन्य अभियानों की तरह ये अभियान भी सिफर ही साबित होगा।