अब्दुला खान को मिला नोटिस, वेतन और भत्ते को वापस जमा कराने के आदेश
मुख्य लेखा अधिकारी ने अब्दुल्ला को नोटिस जारी कर विधायक रहते हुए वेतन और भत्ते के रूप में लिए गए 65 लाख रुपए जमा करने का आदेश दिया है। अब्दुल्ला खान ने 2017 में हुए विधानसभा उपचुनाव में स्वार विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जहां से जीतकर विधायक बने थे।
रामपुर। उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में हनक रखने वाले रामपुर के सांसद आजम खान के कुनबे के लिए इस समय अच्छे दिन नहीं चल रहे है। आय दिन कोई न कोई परेशानी आती रहती है।अभी आजम उनकी पत्नी और बेटा अब्दुल्ला तीनों इस समय सीतापुर की जेल में बंद हैं।
इस बीच आजम के बेटे अब्दुल्ला पर एक और कानूनी शिकंजा कसा गया है।मुख्य लेखा अधिकारी ने अब्दुल्ला को नोटिस जारी कर विधायक रहते हुए वेतन और भत्ते के रूप में लिए गए 65 लाख रुपए जमा करने का आदेश दिया है।
अब्दुल्ला खान ने 2017 में हुए विधानसभा उपचुनाव में स्वार विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जहां से जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद अब्दुल्ला खान पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगने लगा।
उपचुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी। इसमें कहा गया था कि अब्दुल्ला फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा है। मामले में हाईकोर्ट ने प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी को देखते हुए विधायक पद से हटा दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आजम के बेटे अब्दुल्ला की विधायकी रद की गई तो फरवरी 2020 में इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। विधानसभा सचिवालय के उप सचिव और मुख्य लेखाधिकारी अनुज कुमार पांडे ने अब्दुल्ला आजम को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने विधायक रहते हुए वेतन भत्ते और अन्य सुविधाओं के रूप में 65 लाख 68 हजार 713 रुपये का इस्तेमाल किया है।
इस धनराशि की वसूली होनी है। इसे तीन माह के अंदर जमा कर दें। उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला से जो राशि की वसूली होगी उस रकम को सरकारी कोष में जमा कराया जाएगा। मालूम हो कि योगी सरकार द्वारा आजम खान से जुड़े सारे मामले की जांच करा रही है। ऐसे में कई आरोपों में उन्हें कानूनी नोटिस मिला है।