खाताधारक को पता ही नहीं और जनधन खाते में हो गया लाखों का लेनदेन
शक हुआ तो लॉकडाउन के बाद खाते के बारे में बैंक में जाकर पता किया। तो यहां पता चला कि पिछले चार साल में खाते में उनकी बिना जानकारी के लाखों रुपये का लेनदेन किया गया है। वहीं यह रकम किसने डाली और किसने निकाली, इसकी जानकारी उन्हें नहीं हो सकी। वहीं अब पुलिस की जांच में 15 से 20 लाख रुपये के लेनदेन का मामला खुला है।
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक हैरान करने वाला जालसाजी का मामला प्रकाश आया है। बताया गया है कि जिले में पीएनबी में खोले गए दो जनधन खातों में चार साल के भीतर लाखों के लेनदेन का खेल कर दिया गया है। वहीं खाता धारक महिला का आरोप है कि तमाम लेनदेन उनकी जानकारी के बिना ही किए गए हैं।
इस संबंध में महिला ने दो संदिग्धों के खिलाफ तहरीर थाने में दी है। अब पुलिस इसकी जांच कर रही है कि लेनदेन किसने, कब और कितना किया है। जानकारी के मुताबिक औरंगशाहपुर डिग्गी निवासी अजरा परवीन के अनुसार वर्ष 2015-16 में उन्होंने अपने और बेटी महक के नाम से दो खाते पीएनबी बैंक जागृति विहार में खोले थे।
उन्होंने खातों में कोई लेनदेन नहीं किया। बताया गया कि 29 अप्रैल 2020 को उनके घर पर दो अज्ञात व्यक्ति आए। दोनों ने अपना परिचय दीपक वर्मा और प्रशांत कुमार बताया। साथ ही दोनों ने खुद को बैंक का फील्ड अधिकारी भी कहा। उन्होंने बताया कि अजरा के खाते में गलती से 48 हजार रुपये की रकम डलवा दी गई है और वह रकम निकलवाने आए हैं।
पैसा नहीं लौटाने पर कानूनी कार्रवाई करने की उनहोंने चेतावनी भी दी। इसके साथ ही उन्होंने बैंक का एक पत्र भी दिखाया गया। अजरा परवीन के अनुसार, उन्होंने बैंक खाते से रकम निकालकर दोनों को दे दी। इसके बाद शक हुआ तो लॉकडाउन के बाद खाते के बारे में बैंक में जाकर पता किया।
तो यहां पता चला कि पिछले चार साल में खाते में उनकी बिना जानकारी के लाखों रुपये का लेनदेन किया गया है। वहीं यह रकम किसने डाली और किसने निकाली, इसकी जानकारी उन्हें नहीं हो सकी। वहीं अब पुलिस की जांच में 15 से 20 लाख रुपये के लेनदेन का मामला खुला है। इसके बाद पुलिस ने एक आरोपी दीपक को गिरफ्तार किया है।
चूंकि धाराओं के मुताबिक तीन साल से कम की सजा का प्रावधान है, इस कारण निजी जमानत पर आरोपी को छोड़ दिया गया। हालांकि, पुलिस जांच अभी जारी है। वहीं अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी मेरठ के मुताबिक पुलिस को एक शिकायत मिली थी। मुकदमा दर्ज कर छानबीन जारी है। इस संबंध में बैक अधिकारियों से भी जानकारी ली जा रही है।