घुटनों पर आई अफगान सरकार, तालिबान को सत्ता सौंपकर राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ा

टीम भारत दीप |

तालिबान ने काबुल की बगराम जेल के बाद पुल-ए-चरखी जेल को भी तोड़ दिया है।
तालिबान ने काबुल की बगराम जेल के बाद पुल-ए-चरखी जेल को भी तोड़ दिया है।

टोलो न्यूज के अनुसार मिर्जकवाल ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं होगा, सत्ता परिवर्तन शांतिपूर्वक ढंग से होगा। काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिक्योरिटी फोर्स की है। ताजा जानकारी के अनुसार, तालिबान के आतंकी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश कर गए हैं और देश की सभी सीमाओं पर कब्जा भी कर लिया है।

काबुल। तालिबान ने अफगानिस्तान पर 20 साल बाद फिर कब्जा कर लिया। टोलो न्यूज के मुताबिक, यहां सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया भी पूरी हो गई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है।

सूत्रों के मुताबिक, नई अंतरिम सरकार के अंतरिम प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली का नाम सबसे आगे चल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि गनी अमेरिका जा रहे हैं। 

तालिबानी सूत्रों के मुताबिक, काबुल की पुलिस आत्मसमर्पण करने लगी है। वह अपने हथियार तालिबान को सौंप रही है। इससे पहले आंतरिक और विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्रियों अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में आश्वासन दिया कि काबुल के लोगों को सुरक्षित किया जाएगा, क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं। 

टोलो न्यूज के अनुसार मिर्जकवाल ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं होगा, सत्ता परिवर्तन शांतिपूर्वक ढंग से होगा। काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिक्योरिटी फोर्स की है। ताजा जानकारी के अनुसार, तालिबान के आतंकी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश कर गए हैं और देश की सभी सीमाओं पर कब्जा भी कर लिया है। इस बात की पुष्टि तीन अफगान अधिकारियों ने की है। 

तालिबान के आतंकी काबुल के कलाकान, काराबाग और पगमान जिलों में प्रवेश कर लोगों में दहशत बनाना शुरू कर दिया है। इस बीच तालिबान ने काबुल की बगराम जेल के बाद पुल-ए-चरखी जेल को भी तोड़ दिया है। उसने वहां से हजारों कैदियों को भी आजाद कर दिया है। पुल-ए-चरखी अफगानिस्तान की सबसे बड़ी जेल है। यहां ज्यादातर तालिबान के लड़ाके बंद थे।

कही-कही हो रही गोलीबारी 

अफगान की राजधानी में गोलियों की रुक-रुक कर आ रही आवाजों के बीच तालिबान ने एक बयान में कहा कि उनकी काबुल को ‘जबरदस्ती’ अपने कब्जे में लेने की योजना नहीं है।

 बता दें कि दो दशक की लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो बलों की संपूर्ण वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है। वहीं राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में प्रवेश से पूर्व रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद शहर पर कब्जा कर लिया था।

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