बालिका से दुष्कर्म और हत्या के 11 साल बाद कैदी ने फांसी लगाकर दी जान
अपने ही गांव की बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपी नरपाल कभी आत्महत्या कर लेगा इसका किसी को अंदेशा नहीं था। रविवार की रात जेल की दीवार फांदकर भागने के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए बरेली पुलिस की कई टीमें लगी थीं।
बरेली। दुष्कर्म और हत्या के मामले में सजा काट रहे आरोपी ने बुधवार रात को जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मालूम हो कि आत्महत्या से चार दिन पहले आरोपी ने जेल से भागने की कोशिश की थी, लेकिन पकड़ा गया था।
बिजनौर के अस्थाई जेल में बंद नरपाल उर्फ सोनू ने आत्महत्या कर ली है। जेल से भागने के बाद नरपाल को मंगलवार को किरतपुर पुलिस ने पकड़ लिया था। उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था। इसके पहले रविवार की रात वह बरेली सेंट्रल जेल की दीवार फांद कर फरार हो गया था।
अंदेशा नहीं था वह कर लेगा आत्महत्या
अपने ही गांव की बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोपी नरपाल कभी आत्महत्या कर लेगा इसका किसी को अंदेशा नहीं था। रविवार की रात जेल की दीवार फांदकर भागने के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए बरेली पुलिस की कई टीमें लगी थीं।
नरपाल को मंगलवार को किरतपुर पुलिस ने दबोच लिया। उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था। पूछताछ के बाद पुलिस ने कैदी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। मालूम हो कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एडीजी ने 50 हजार का इनाम रखा था।
उम्रकैद की सजा काट रहा था
दुष्कर्मी नरपाल को उम्रकैद की सजा हुई थी। बरेली जेल में वह यह सजा काट रहा था। 31 जनवरी की तड़के 3 बजे वह बरेली की सेंट्रल जेल से फरार हो गया था। बरेली जेल में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए सरिए आदि पड़े हुए थे।
सरिया के सहारे उसने दीवार फांदी और फरार हो गया। फरार होने से पहले उसने कपड़े भी बदल लिए थे। उसकी गिरफ्तारी के लिए एडीजी ने 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। बरेली पुलिस फरार कैदी की तलाश में लगी थी।
मंगलवार को बिजनौर की किरतपुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे बिजनौर की अस्थाई जेल में रखा गया था जहां उसने खुदकुशी कर ली। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
2009 में किया था दुष्कर्म और हत्या
वर्ष 2009 की फरवरी में नरपाल उर्फ सोनू को गांव की ही एक बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोनू को आजीवन कारावास और 15000 के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। आजीवन कारावास की सजा होने पर साल 2012 में सोनू को बरेली की सेंटर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।