राहुल गांधी के बाद पीड़िता के परिजनों से मिले अरविंद केजरीवाल, किया 10 लाख रुपये देने का एलान
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इस घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह परिवार को इंसाफ दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। वहीं, राहुल गांधी ने परिजनों से मुलाकात के दौरान कहा कि माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में तीन दिन पहले फिर शर्मसार करने वाली घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इस मामले में राजनीतिक दल कूद पड़े है।
बुधवार सुबह कांग्रेस नेता राहुल गांधी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे, उसके कुछ देर बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान केजरीवाल ने 10 लाख रुपये मदद के तौर पर देने का एलान किया। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने इय मामले की मजिस्ट्रेटी जांच की भी घोषणा की।
आपकों बता दें कि इससे पहले पीड़िता के परिवार से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता मिलने गए थे, जिनका लोगों ने विरोध किया। आदेश गुप्ता बच्ची के परिजनों से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन उन्हें शुरू में जाने नहीं दिया गया। वहीं, बाद में समझाने-बुझाने पर परिजनों ने आदेश गुप्ता से मुलाकात की। आदेश गुप्ता ने परिजनों को न्याय का भरोसा दिया।
इस घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह परिवार को इंसाफ दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। वहीं, राहुल गांधी ने परिजनों से मुलाकात के दौरान कहा कि माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं।
उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हकदार है और इस न्याय के रास्ते पर मैं उनके साथ हूं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि यह घटना हृदय विदारक है।इससे पहले मंगलवार को लगातार दूसरे दिन आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग उठाई। मंगलवार को भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने भी पीड़िता के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी थी।
पीड़ित परिवार से मिलने मंगलवार को कई नेता पहुंचे, लेकिन लोगों ने इन नेताओं को दो टूक कहा कि उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने या बात करने की इजाजत तभी मिलेगी, जब वे यहां किसी प्रकार की राजनीति नहीं करेंगे। यहां मंच के ऊपर या मंच के सामने किसी भी दल का कोई झंडा नहीं लाया जाएगा। यह समाज की बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध का मामला है। इस पर सियासत नहीं की जानी चाहिए।
दरअसल, चंद्रशेखर के साथ पहुंचे लोगों के हाथ में नीले रंग के झंडे थे, जिस पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। यही नहीं, वाहनों पर लगे झंडे भी उतारने के लिए कहा। इस बीच किसी तरह चंद्रशेखर मंच पर पीड़ित परिवार से मिल सके।
उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में जब बच्ची सुरक्षित नहीं है, तब देश के अन्य हिस्सों में क्या हाल होगा, यह समझा जा सकता है। दिल्ली में महिला सुरक्षा के नाम पर कहने को बसों में मार्शल तैनात हैं, लेकिन घर के बाहर बच्ची असुरक्षित है। आखिर यह कैसी दिल्ली है।
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