प्रशासन की कार्रवाई के बाद पारस हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने​ शिवसेना सदस्यों पर उतारा गुस्सा

टीम भारत दीप |

शिवसेना का आरोप है कि कर्मचारियों ने कार्यकर्ताओं की पिटाई करनी शुरू कर दी।
शिवसेना का आरोप है कि कर्मचारियों ने कार्यकर्ताओं की पिटाई करनी शुरू कर दी।

अस्पताल सील होने की कार्रवाई के बाद बौखलाए पारस हॉस्पिटल का स्टाफ अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिवसेना पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई करते देखे जा रहे हैं। मालूम हो कि मंगवार रात को पारस हास्पिटल के बाहर शिवसेना पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का कर्मचारियों से विवाद हो गया।

आगरा। प्रशासनिक कार्रवाई में सील किए गए आगरा के पारस अस्पताल के मालिक ही नहीं कर्मचारी भी कानून के साथ खिलवाड़ करने में आगे है। अस्पताल मालिका वीडियो वायरल होने के बाद अब कर्मचारियों की गुंडागर्दी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल सील होने की कार्रवाई के बाद बौखलाए पारस हॉस्पिटल का स्टाफ अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिवसेना पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई करते देखे जा रहे हैं।

मालूम हो कि मंगवार रात को पारस हास्पिटल के बाहर शिवसेना पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का कर्मचारियों से विवाद हो गया। आरोप है कि कर्मचारियों ने जमकर शिवसेना जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों की लात-घूंसों से पिटाई की।

शिवसेना सदस्यों पर सरिया और डंडे भी बरसाए। जिलाध्यक्ष को बेल्ट से बांधकर खींचा। इस मारपीट में पांच लोग घायल हो गए। इनमें तीन कार्यकर्ताओं के सिर में चोट लगी है।

रात आठ बजे हुई मारपीट

शिवसेना के जिलाध्यक्ष विनीत वर्मा ने बताया कि रात आठ बजे वो महानगर अध्यक्ष मयंक पाठक और कार्यकर्ताओं के साथ पारस हास्पिटल पर आए थे। इस दौरान मीडिया भी मौजूद थी। उन्होंने मीडिया से बात की।

कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच कुछ कार्यकर्ता हास्पिटल में भर्ती मरीजों का हाल जानने लगे। इसी दौरान हास्पिटल के कर्मचारी बाहर आ गए। इसके बाद शिवसेना के सदस्यों से साथ मारपीट करने लगे।

शिवसेना का आरोप है कि कर्मचारियों ने कार्यकर्ताओं की पिटाई करनी शुरू कर दी। इस दौरान सरिया और डंडे भी चलाए गए। विनीत वर्मा और मयंक पाठक गाड़ी में बैठे थे, वह कार्यकर्ताओं को बचाने आए।

इस पर कर्मचारियों ने उन पर भी हमला बोल दिया। विनीत वर्मा के गले में बेल्ट डालकर खींचा। जिलाध्यक्ष का कहना है कि वह किसी तरह जान बचाकर भागे, घटना से हास्पिटल में अफरातफरी मच गई।

पुलिस ने नहीं दर्ज की शिकायत

जिलाध्यक्ष का कहना है कि थाना न्यू आगरा पहुचंकर पुलिस से शिकायत की मगर, पुलिस उल्टा उन पर ही आरोप लगाने लगी। पुलिसकर्मियों ने उनके खिलाफ ही मुकदमे की धमकी दे डाली।

काफी देर बाद घायल जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष सहित माधव गौतम, विशाल प्रजापति, शिवम प्रजापति को मेडिकल के लिए भेजा. थाना न्यू आगरा के प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र बालियान का कहना है कि थाना पर तहरीर देने कोई नहीं आया है। कोई घायल भी नहीं पहुंचा।

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