संक्रमित महिला की मौत के बाद एंबुलेंस चालक शव को बगीचे में छोड़कर भागा, घर वाले भी नहीं पहुंचे
ग्रामीणों के मुताबिक महिला को कोई संतान नहीं थी। पति ने दो शादियां की थी। वह दूसरी पत्नी और उसके बच्चों के साथ रहता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. शशिकांत पटेल ने बताया कि मृतका के पति व सौतेले पुत्र का सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग में तैनात कर्मचारियों द्वारा बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद एंबुलेंस चालक शव को गांव के बाहर छोड़कर चला गया।
काफी देर तक महिला का शव बगीचे में पड़ा रहा घर वाले मारे डर के वहां नहीं पहुंचे। ग्रामीण द्वारा सूचना देने के बाद पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शव को जेसीबी की मदद से दफन कराया।
जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। तहसील प्रशासन के अफसरों ने काफी माथापच्ची के बाद जेसीबी मदद से शव को बगीचे में ही दफन करवा दिया। गांव के लोग संक्रमण के खतरे से सहमे हुए हैं।
यह मामला जौनपुर के गद्दोपुर के दुबेकापुरा टोला का है। यहां की रहने वाली 63 वर्षीय महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में थी। शुक्रवार रात उसकी तबीयत खराब हुई, उसे सांस लेने में दिक्कत होने पर भोर में परिजन उसे एंबुलेंस से महराजगंज सीएचसी ले गए। वहां उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने एंबुलेंस चालक को शव घर पहुंचाने को कहा। किंतु चालक गद्दोपुर गांव के बाहर बगीचे में शव को छोड़कर चला गया।महिला के परिवारवालों का भी कहीं पता नहीं चला। काफी देर बाद ग्रामीण बगीचे की ओर गए तो वहां पीपीई किट में लिपटा महिला का शव देख सन्न रह गए।
गांव के समाजसेवी अशोक कुमार पांडेय और उनके पुत्र ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। कुछ ही देर में एसडीएम बदलापुर कौशलेश मिश्र, सीओ, महराजगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ. शशिकांत पटेल, डॉ. कृष्णकांत निगम, महराजगंज हरिश्चंद्र सिंह मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने परिजनों को बुलावा भेजा, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। घर पर भी उनका पता नहीं था। ग्रामीणों की मौजूदगी में पंचनामा कराते हुए प्रशासन ने जेसीबी से बगीचे में ही एक छोर पर शव को दफन करवाया। ग्रामीणों के मुताबिक महिला को कोई संतान नहीं थी।
पति ने दो शादियां की थी। वह दूसरी पत्नी और उसके बच्चों के साथ रहता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. शशिकांत पटेल ने बताया कि मृतका के पति व सौतेले पुत्र का सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
वहीं परिजनों द्वारा महिला के इस तिरस्कार से उसे अंतिम समय में वह सम्मान नहीं मिला जिसकी वह मानव होने के पाने की अधिकारी थी, उसे मवेशियों की तहर गड्ढा खोदकर दफन कर दिया गया।