प्रतापगढ़ में महिला का अंतिम दर्शन करने आए बंदर, ग्रामीणों ने कहा चमत्कार है ये

टीम भारत दीप |
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इसके बाद सभी चले गए. जैसे ही इस बात की खबर लोगों को मिली लोग आश्चर्य चकित रह गए।
इसके बाद सभी चले गए. जैसे ही इस बात की खबर लोगों को मिली लोग आश्चर्य चकित रह गए।

वहीं कुछ लोगों का कहना था कि बुजुर्ग महिला पूजा—पाठ में विश्वास रखती थीं, इसलिए वो गांव 'भक्तिन' के नाम से जानी जाती थीं, उनके कर्मों की वजह से बंदर भी उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे।

प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ में लालगंज अझारा के बुआ का पुरवा बेलहा में शुक्रवार को जो हुआ उसे देखकर किसी को भी अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद बंदरों के एक झुंड उनके शव के पास आकर बैठ गया। काफी देर तक वहां रहने के बाद बंदर चले गए।

इस बात की खबर लगते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ वहां पहुंच गई हर कोई स्तब्ध था। लोगों ने इस चित्र को अपने मोबाइल फोन में भी कैद किया। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि बुजुर्ग महिला पूजा-पाठ में विश्वास रखती थीं, इसलिए वो गांव 'भक्तिन' के नाम से जानी जाती थीं, उनके कर्मों की वजह से बंदर भी उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे।

प्रतापगढ के लालगंज अझारा से जहां पर बुआ का पुरवा बेलहा में शुक्रवार सुबह शिवपति देवी (70) पत्नी ऒविंदेश्वरी पटेल की मृत्यु हो गई, उनकी मौत के बाद उनका शव घर के बाहर रखा गया। लोग अंतिम दर्शन के लिए आ रहे थे। तभी अचानक कहीं से 8 लंगूर बंदरों का एक झुंड वहां आ गया। सभी बंदरों ने महिला को घेर कर आसपास मे बैठ गए।

तभी एक बंदर महिला के सर के पास चारपाई पर बैठ गया उसे देखकर ऐसा लग रहा था मानों वो अफसोस जता रहा हो। ये बंदरों का झुंड वहां थोड़ी देर नहीं बल्कि करीब 4 घंटे तक रहा। इसके बाद सभी चले गए. जैसे ही इस बात की खबर लोगों को मिली लोग आश्चर्य चकित रह गए।

इस मंजर को देखने के लिए वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। शिवपति देवी के बारे में लोगों ने बताया कि वह बहुत ही साधारण स्त्री थीं, किन्तु पूजा पाठ में विश्वास रखतीं थी और गांव में  वह 'भक्तिन' के नाम से मशहूर थीं। उनकी मृत्यु के पश्चात इस तरह उनके अंतिम दर्शन में लंगूर बंदरों का अचानक आ जाना जिले में चर्चा का विषय है और लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं।
 


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