आगराः ऑक्सीजन की किल्लत पर आईएमए में रोष, डाक्टरों ने यूं खोला मोर्चा
सोमवार को आयोजित इस आपात आम सभा में ऑक्सीजन की कमी से तड़पते हुए मरीजों को ना देख सकने की बात आईएमए प्रेसिडेंट डॉ. राजीव उपाध्याय ने कहीं । उन्होंने बताया कि कैसे इस कोरोना की त्रासदी में प्राइवेट अस्पताल सरकारी अस्पतालों से चार पांच गुना ज्यादा मरीजों को देख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए प्रशासन से गिड़गिड़ाना पड़ रहा है ।
आगरा। आईएमए द्वारा आयोजित आपात बैठक में ऑक्सीजन की किल्लत पर भारी रोष जताया गया। सोमवार को आयोजित इस आपात आम सभा में ऑक्सीजन की कमी से तड़पते हुए मरीजों को ना देख सकने की बात आईएमए प्रेसिडेंट डॉ. राजीव उपाध्याय ने कहीं । उन्होंने बताया कि कैसे इस कोरोना की त्रासदी में प्राइवेट अस्पताल सरकारी अस्पतालों से चार पांच गुना ज्यादा मरीजों को देख रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए प्रशासन से गिड़गिड़ाना पड़ रहा है । उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन का ऐसा ही ढुलमुल रवैया रहा तो वह पल दूर नहीं जब अनगिनत लाशें प्रत्येक अस्पताल में दिखाई देंगी। प्रशासन से आग्रह करते हुए डॉ. उपाध्याय ने इस बात को भी रखा कि एक चिकित्सक तब तक हार नहीं मानता जब तक वह अपनी पूरी ताकत के साथ मरीज को बचा नहीं लेता है।
उन्होंने कहा कि मगर आज ऐसा लग रहा है कि हाथ से रेत् निकल रही है और हम सभी आईएमए सदस्य किंकर्तव्यविमूढ़ हो शासन प्रशासन के आगे घुटने टेक चुके हैंं। डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि कल एक उच्च स्तरीय आईएमए डेलिगेशन के साथ बात कर डीएम को अपने निर्णयों से अवगत कराएंगे।
बताया गया कि कई ऐसे अस्पतालों को भी कोविड-19 का दर्ज़ा दिया गया है जो ना तो आईएमए के सदस्य हैं और ना ही वहां प्रोटोकॉल फॉलो होते हैं । बैठक में डॉक्टर मोहनिया ने कहा कि यदि र्कोइ हाॅस्पिटल अपनी क्षमता से ज्यादा मरीज रखता है तो वह भी गलत है।
उन्होंने कहा कि ऐसे अस्पतालों को भी आईएमए चिन्हित करेगा। अपने सम्बोधन में प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉक्टर ओपी यादव ने कहा की प्रत्येक कोविड-19 से संबंधित डिस्ट्रीब्यूशन एवं ऑडिट की टीम में आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल अवश्य होना चाहिए जिससे कालाबाजारी रोकी जा सके एवं यूनिफॉर्म डिसटीब्यूशन हो सके।
वहीं नेशनल मेडिको आर्गेनाईजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर पवन गुप्ता ने बहुत ही चिंता व्यक्त करते हुए चिकित्सकों की स्वयं बीमार पड़ने पर इलाज मिलने की बात कही। उन्होंने इस बात को भी रखा कि प्रशासन को अस्पतालों पर ऑक्सीजन वितरण करना चाहिए।
वहीं युवा चिकित्सक डॉ. रजनीश मिश्रा ने चिकित्सकों को आगाह किया कि वे अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें एवं अपनी क्षमता से ज्यादा कोई भी अस्पताल अपने यहां मरीज ना रखे। वहीं अपने सम्बोधन डॉ. भारद्वाज ने भी ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों को होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला। बैठक को मीडिया प्रभारी डॉ. पंकज, डॉक्टर जतिन चौधरी आदि ने भी सम्बोधित किया।