आगरा: आईएमए की वर्चुअल मीट में छलका चिकित्सकों का दर्द, सर्वसम्मति से हुआ ये फैसला

टीम भारत दीप |
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कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर रहना होगा तैयार।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर रहना होगा तैयार।

इस मीटिंग में आईएमए के लगभग 20 हॉस्पिटल्स ने शिरकत की। बैठक में मौजूदा समय में बन रहे हालातों को लेकर चिन्ता जताई गई। साथ ही सर्वसम्मति कई निर्णय भी लिए गए। दरअसल शुक्रवार को आयोजित हुई बैठक की अध्यक्षता डॉ. राजीव उपाध्याय ने की। वहीं बैठक का संचालन मीडिया प्रभारी डॉ पंकज नगाइच ने किया ।

आगरा। आईएमए, आगरा के बैनर कोविड-19 हॉस्पिटल्स की जूम प्लेटफार्म पर एक वर्चुअल मीटिंग आयोजित हुई। इस मीटिंग में आईएमए के लगभग 20 हॉस्पिटल्स ने शिरकत की। बैठक में मौजूदा समय में बन रहे हालातों को लेकर चिन्ता जताई गई। साथ ही सर्वसम्मति कई निर्णय भी लिए गए।

दरअसल शुक्रवार को आयोजित हुई बैठक की अध्यक्षता डॉ. राजीव उपाध्याय ने की। वहीं बैठक का संचालन मीडिया प्रभारी डॉ पंकज नगाइच ने किया । बैठक् में सर्वप्रथम सभी हॉस्पिटल्स ने एक स्वर में इस बात की निंदा की कि जो तरीका कई मरीज इस वक्त अख्तियार कर रहे हैं और् कह रहे है कि उनके इलाज में ज्यादा पैसे लिए गए और वह लौटाये जाएं,

इस प्रकार की घटनाओं से अस्पतालों का मनोबल टूट रहा है । डॉ राजीव उपाध्याय ने कहा आगरा में लगभग 20 से ज्यादा चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं।क्या यह चिकित्सक अपने घरों में बंद बैठे थे! नहीं यह चिकित्सक समाज की सेवा करते हुए बीमार हुए और हंसते-हंसते मरीजों की सेवा करते हुए अपने प्राण निछावर कर गए।

ऐसे ही तमाम चिकित्सक कोरोना से बीमार हुए और तमाम चिकित्सकों ने अपने घर वालों से दूर रहकर निरंतर मरीजों की सेवा की। इस सबका सिला अगर समाज इस रूप से हम लोगों को देगा तो चिकित्सक इलाज करने से घबराएगा। वहीं कार्यक्रम में आईएमए सचिव डॉ. अनूप दीक्षित ने कहा कि जो भी गलत हो रहा है।अगर ज्यादा पैसा किसी भी अस्पताल ले रहा है, तो आईएमए है।

वह पैसा लौट आएगा लेकिन यह बात भी निश्चित है कि अस्पतालों ने पैसा ज्यादा नहीं लिया और वही लिया है जिसका bill दिया है। कहा गया कि अब जो पैसा लौटाया जा रहा है, वह मरीजों के दर्द को समझते हुए ऐसा किया गया है। डॉ. दीक्षित ने कहा कि अगर संभावित तीसरी लहर आती है तो उसके लिए तैयार रहने के लिए कहा है।

वहीं पूर्व अध्यक्ष डॉ.रवि पचौरी ने कहा के संपूर्ण आईएमए एक है एवं यूपी नर्सिंग होम एसोसिएशन की गाइडलाइंस के तहत अपने प्रत्येक अस्पताल गाइडलाइंस बनाकर जमा करेगा जिसमें अपना खर्च अपना व्यय लिखा जाएगा। डॉक्टर ओपी यादव ने कहा कि कोई भी अस्पताल या चिकित्सक मरीज को सर्वोपरि रखकर इलाज करें एवं हमारे द्वारा कोई भी ऐसा कार्य ना हो जो पीड़ित को और कष्ट पहुंचाए।

लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं कि कोई भी चिकित्सक या अस्पताल अनुचित दबाव में डाला जाए। डॉ. जयदीप मल्होत्रा एवं डॉ मुकेश गोयल ने बहुत ही मार्मिक तरीके से आत्म अवलोकन की बात कही। डॉ. संदीप अग्रवाल ने कहा कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी प्रशासन के सामने हो रही थी और हम लोग ज्यादा महंगा ऑक्सीजन ज्यादा महंगा सामान खरीदने पर मजबूर थे,

क्योंकि हमें मरीजों की जान हर कीमत पर बचानी थी। इसीलिए कुछ कॉस्ट बढ़ गई यह बात प्रशासन और मरीजों को समझनी होगी । अपने सम्बोधन में डॉ रजनीश मिश्रा ने कहां कि हमें आपस में एकजुट होकर समाज की हर दर्द को दूर करना होगा लेकिन ऐसा कुछ ना हो जिससे कि चिकित्सक एवं चिकित्सालय कलंकित हो।

डॉ सुरेंद्र पाठक ने भी सही तरीके से इलाज करने की बात कही एवं उन्होंने यह भी कहा कि अब यह समय निकल गया है। इसलिए बहुत परेशान ना होते हुए आगे कार्य करते रहना है। डॉ तरुण सिंघल ने इस बात पर बल दिया की मीडिया चिकित्सकों की पॉजिटिव बातों को भी लिखे हमेशा नकारात्मक वातावरण ना बनाएं।

डॉक्टर सचिन मल्होत्रा ने मीडिया से आग्रह किया कि कोई भी नकारात्मक खबर को बहुत ज्यादा ना छापा जाए एवं इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि न्याय की भाषा बोलते बोलते कोई निर्णय ऐसा न सुनाएं मीडिया। कहा गया कि इससे मरीजों का विश्वास चिकित्सकों के ऊपर से हिलने लगेगा। डॉक्टर सचिन ने इस बात को रखा कि कोई भी अस्पताल पैसा ना लौटाए।

इस बात को सभी अस्पताल संचालकों ने स्वीकार् किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए डॉ. अनुपम गुप्ता, डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ.जितेन चौधरी, डॉ अनिल यादव आदि के नाम शामिल रहे।
 


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