आगरा:राजकीय बाल गृह में बेड से गिरे शिशु की मौत, पीएम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

टीम भारत दीप |

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेड इंजरी दर्ज की गई तो हकीकत सामने आई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेड इंजरी दर्ज की गई तो हकीकत सामने आई।

यह घटना आठ जनवरी 2022 की है, जो सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हो गई। शाम करीब चार बजे आया ने शिशु को दूध पिलाने के बाद बेड पर लिटा दिया था। बच्चा बेड से छिटक कर सिर के बल जमीन पर गिर पड़ा। लेकिन किसी भी स्टाफ ने इसकी जानकारी प्रभारी को नहीं दी।

आगरा। आगरा के राजकीय बाल गृह (शिशु) में आठ माह के शिशु आर्यन के सिर में बेड से गिरकर गंभीर चोट आई। बच्चे सिर पर गहरा घाव हो गया। स्टाफ ने ये बात प्रभारी से छिपाई। शिशु की तबीयत बिगड़ने पर एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस लापरवाही का खुलासा होने के बाद अब जिलाधिकारी ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।

यह घटना आठ जनवरी 2022 की है, जो सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हो गई। शाम करीब चार बजे आया ने शिशु को दूध पिलाने के बाद बेड पर लिटा दिया था। बच्चा बेड से छिटक कर सिर के बल जमीन पर गिर पड़ा। लेकिन किसी भी स्टाफ ने इसकी जानकारी प्रभारी को नहीं दी। 

घर वालों ने बताया कि  उस रात शिशु को तेज बुखार आने पर स्टाफ जिला अस्पताल लेकर गया। वहां से बच्चे को दवा देकर वापस शिशु गृह भेज दिया। फिर दूसरे दिन नौ जनवरी को हालत और बिगड़ने पर आर्यन को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया। जहां मासूम ने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेड इंजरी दर्ज की गई तो हकीकत सामने आई। 

15 जून 2021 को लाया गया था नवजात 

आर्यन को अलीगढ़ की बाल कल्याण समिति ने 15 जून 2021 को आगरा के राजकीय शिशु गृह में रखवाया था। आर्यन से पहले आठ दिसंबर 2021 को आठ माह के नवजात ईशान की भी इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) मनोज कुमार पुष्कर ने कहा कि शिशुओं की मृत्यु संवेदनशील मामला है। देखभाल में लापरवाही की आशंका है इसीलिए इस प्रकरण में मजिस्ट्रेट जांच की आवश्यकता है।
 
48 घंटे में हुई थी तीन शिशुओं की मौत

आपकों बता दें कि उस समय 24 और 25 अक्तूबर 2020 को 48 घंटे के बीच शिशु गृह में तीन बच्चों की मौत हुई थी। तब बच्चों की मौत की वजह ठंड बताई गई थी। बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ.साक्षी बैजल ने तब शिशुओं की देखभाल में लापरवाही पर सवाल खड़े किए थे।

परंतु दो साल बाद भी आश्रय गृह में देखभाल के लिए आया, नर्स, बाल रोग विशेषज्ञ जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने बताया कि शिशुओं की मौत प्रकरण में मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाएगी। टीम अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद कार्रवाई तय होगी। 

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