ताजमहल के पास बने रहे म्यूजियम को मिलेगा छत्रपति शिवाजी का नाम, बदलाव पर ये बोले सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मंडलीय समीक्षा बैठक में पर्यटन विभाग को दिए। इसी के साथ सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता दर्शाने वाली किसी चीज का स्थान नहीं है।
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल के पास निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम अब छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा जाएगा। म्यूजियम में शिवाजी का इतिहास भी दर्ज होगा।
यह आदेश सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मंडलीय समीक्षा बैठक में पर्यटन विभाग को दिए। इसी के साथ सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता दर्शाने वाली किसी चीज का स्थान नहीं है।
बता दें कि आगरा के फतेहाबाद मार्ग पर लगभग 190 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश का पहला प्री-कास्ट म्यूजियम लगभग तैयार है। इसका नाम अब मुगल म्यूजियम से बदलकर छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा जाएगा। इसमें ताजमहल और आगरा के इतिहास साथ छत्रपति शिवाजी का इतिहास दर्ज होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार शाम छह बजे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से समीक्षा की। कोरोना वायरस के कारण कलक्ट्रेट स्थित एनआईसी में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अलग-अलग कक्षों में बैठाया गया। मुख्यमंत्री ने 10 से 50 करोड़ की योजनाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने आगरा में मेट्रो ट्रेन और सिविल एंक्लेव कार्य में तेजी लाने की बात कही। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने और कोविड के चलते आगरा में हो रही मौतों की संख्या में कमी लाने के निर्देश जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को दिए हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति पर असर
उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम दिए जाने से इसे महाराष्ट्र की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में भाजपा से अलग हुई शिवसेना हमेशा से ही छत्रपति शिवाजी को अपना आदर्श मानती आई है।
ऐसे में मराठा शान के प्रतीक शिवाजी महाराज के नाम को उत्तर प्रदेश में महत्व देकर भाजपा इससे महाराष्ट्र में फायदे की उम्मीद लगा रही है। हाल ही में कंगना रानौत विवाद को भी मराठी अस्मिता से जोड़कर देखा गया था।