आगरा: यमुना उफान पर बटेश्वर के मंदिरों तक पहुंचा पानी, पुल पर सेल्फी लेने पहुंच रहे लोग

टीम भारत दीप |
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इटावा में चंबल नदी के पुल पर बाढ़ के नजारे के साथ सेल्फी लेने पहुंच रहे राहगीर ।
इटावा में चंबल नदी के पुल पर बाढ़ के नजारे के साथ सेल्फी लेने पहुंच रहे राहगीर ।

ढ़ नियंत्रण प्रभारी उदल सिंह ने बताया कि यमुना में अब जलस्तर नहीं बढ़ेगा। लो फ्लड लेवल 495 फीट है। गुरुवार को मथुरा के गोकुल बैराज से आगरा की ओर यमुना में 32,980 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ओखला बैराज से यमुना में 21,222 क्यूसेक डिस्चार्ज है। हरियाणा स्थित ताजेवाला (हथिनीकुंड) बैराज से भी डिस्चार्ज घट गया है।

आगरा। देश के कई हिस्सों में हुई झमाझम बारिश की वजह से यमुना नदी में उफान आया है। बाढ़ का पानी बटेश्वर और कचौरा घाट के मंदिरों तक पानी पहुंच गया। यमुना के तलहटी में बसे गांवों में खेत जलमग्न हैं, इससे किसानों की फसल बर्बाद होने का डर है।

प्रतापपुरा स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक वॉटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर गुरुवार शाम 4 बजे 491 फीट था। बुधवार को यह 492 फीट तक पहुंचा। पिछले 24 घंटे में जलस्तर में एक फीट गिरावट आई है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी उदल सिंह ने बताया कि यमुना में अब जलस्तर नहीं बढ़ेगा।

लो फ्लड लेवल 495 फीट है। गुरुवार को मथुरा के गोकुल बैराज से आगरा की ओर यमुना में 32,980 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ओखला बैराज से यमुना में 21,222 क्यूसेक डिस्चार्ज है। हरियाणा स्थित ताजेवाला (हथिनीकुंड) बैराज से भी डिस्चार्ज घट गया है।

यहां 6,680 क्यूसेक डिस्चार्ज है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी ने बताया कि पहाड़ों पर बारिश से यमुना में जलस्तर बढ़ेगा। अगर बारिश नहीं होती है तो अगले दो से तीन दिन में यमुना का पानी आगे बह जाएगा। जिसके बाद हालात पूरी तरह सामान्य होंगे। वहीं यूपी-एमपी को जोड़ने वाले चंबल नदी पर बाढ़ का पानी पुल को छूने को बेताब है। पुल निर्माण के 45 साल बाद पुल के करीब इतना पानी आया है। ऐसे में पुल से गुजरने वाले लोग रूककर चंल का विहंगम नजारा देख रहे है।

उटंगन ने बढ़ाई परेशानी

आपकों बता दें कि यमुना नदी में विभिन्न बांधों से छोडे़ गए और उटंगन का पानी आने से बाह में बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है। बटेश्वर की मंदिर शृंखला के घाट पर गुरुवार को 4 फीट पानी बढ़ा है। कचौराघाट के प्राचीन मंदिर की देहरी तक पानी भर गया है।

बाह के निचले इलाके के गांवों के बीहड़ी रास्ते भी जलमग्न हो गए हैं। कछार की फसलें पहले से डूबी हुई हैं। एसडीएम बाह अब्दुल बासित ने बताया कि यमुना के भी जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। ये गांव प्रभावितकमतरी, गढ़वार, चरीथा, गढ़ी बरौली, पारना, नौगवां, चित्राहाट, कचौराघाट, खिच्चरपुरा, खिलावली, सिधावली, विक्रमपुर, कोट, सुंसार, रुदमुली, चौरंगा बीहड़, बड़ागांव, कछपुरा,

बटेश्वर, मई, बुढै़रा, स्याइच, कलींजर, रामपुर चंद्रसैनी, रजौरा, बलाई, बिठौली, फरैरी, रीठई, होलीपुरा, कल्यानपुर, भरतार, गजौरा यमुना में बढ़े पानी से प्रभावित रहे। बाढ़ के पानी से सबसे ज्यादा नदी के किनारे बसे गांवों में नुकसान हुआ है। किसानों को फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है।

इटावा के कई गावों में भरा बाढ़ का पानी

यूपी के इटावा जिले में भी बाढ़ का पानी भयंकर रूप से तबाही मचा रहा है। चंबल नदी पर बने पुल से गुजरने वाले राहगीर  रूककर पानी के विहंगम दृश्य के साथ सेल्फी लेने से खुद को नहीं रोक पा रहे है। वहीं इटावा के प्रसिद्ध कालीवाहन मंदिर तक बाढ़ का पानी पहुंच गया। 
 

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