योगी सरकार में दिखेगा आगरा का दबदबा: बनाए जा सकते हैं तीन मंत्री, उपमुख्यमंत्री पद पर इस नाम की चर्चा
उत्तराखंड की राज्यपाल और आगरा की मेयर रहीं बेबीरानी मौर्य मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं। उनके समर्थकों का दावा है कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। दरअसल, यह चर्चा तब हुई थी, जब उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिलाकर उन्हें सक्रिय राजनीति में लाया गया था।
आगरा। योगी सरकार दो में ताजनगरी का दबदबा देखने को मिलेगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आगरा से तीन मंत्री बनाए जा सकते है। सामाजिक समीकरण को फिट करने के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ताजनगरी को तीन लाल बत्तियां मिल सकती हैं।
पिछली सरकार में जो मंत्री नहीं बन पाए, वह विधायक तो दौड़ में हैं ही, इस बार कई अनुभवी विधायक भी आगरा को मिले हैं जो इस रेस में हैं।उत्तराखंड की राज्यपाल और आगरा की मेयर रहीं बेबीरानी मौर्य मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं।
उनके समर्थकों का दावा है कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। दरअसल, यह चर्चा तब हुई थी, जब उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिलाकर उन्हें सक्रिय राजनीति में लाया गया था। आगरा ग्रामीण से उनके चुनाव जीतने के बाद फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। समर्थकों का कहना है कि दलित राजधानी से वह अनुसूचित जाति का बड़ा चेहरा हो सकती हैं।
बेबीरानी का बढ़ा कद
भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर बेबीरानी मौर्य का कद भी बढ़ाया है। महिला होने के साथ वह राजनीति में बड़ा चेहरा हैं। उनके जरिए भाजपा नेताओं में यह संदेश भी दिया जा सकता है कि राज्यपाल पद पर बैठाना उनकी राजनीति का अंत नहीं है।
बेबीरानी मौर्य की तरह वह भी सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के हार जाने और श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के कारण उनकी डिप्टी सीएम पद के लिए चर्चा बेहद तेज हो गई है।
विधायक बाबूलाल चौधरी
भाजपा ने फतेहपुर सीकरी से विधायक रहे चौधरी उदयभान सिंह को मंत्री बनाया था। इस बार उनकी जगह पूर्व मंत्री और सांसद रहे चौधरी बाबूलाल को टिकट दिया। वह तीसरी बार विधायक बने हैं, जबकि एक बार फतेहपुर सीकरी से सांसद रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर फोकस रखे भाजपा जाट बेल्ट में वोटों को साधने के लिए बाबूलाल को मंत्री बना सकती है। मथुरा से मंत्रिमंडल में जाट नेता की भागीदारी से उनकी दावेदारी प्रभावित हो सकती है।
योगेंद्र उपाध्याय के नाम पर चर्चा
आगरा दक्षिण से लगातार तीसरी बार विधायक बने योगेंद्र उपाध्याय की दावेदारी मजबूत है। योगी सरकार के पिछले मंत्रिमंडल में उनका नाम उछला, लेकिन मथुरा से श्रीकांत शर्मा के मंत्री बनने से उनका नाम पीछे रह गया। उसके बाद पार्टी ने उन्हें विधानसभा का मुख्य सचेतक बनाकर मनाया था।
धर्मपाल सिंह हैं रेस में
एत्मादपुर के विधायक धर्मपाल सिंह मंत्री बनने की रेस में हैं। पार्टी ब्रज क्षेत्र के सामाजिक समीकरण साधने के लिए ठाकुर चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है, जिनमें उनका नाम प्रमुख है। वह तीसरी बार विधायक बने हैं।
उनके अनुभव और छवि का इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव से पहले स्वामीप्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान जैसे मंत्रियों के भाजपा छोड़ने के समय धर्मपाल सिंह सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
पुरुषोत्तम खंडेलवाल भी पीछे नहीं
आगरा और आसपास के जिलों में 1.12 लाख वोटों से बड़ी जीत दर्ज करने वाले उत्तर सीट के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल को इसका इनाम मिल सकता है। वह संगठन के पुराने कार्यकर्ता हैं और जनसंघ के समय से पार्टी में हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से वैश्य विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावनाओं में उनका नाम शामिल है।
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