31, 277 शिक्षक भर्तीः हाईकोर्ट में सरकारी वकील ने माना, चयन सूची में हुई गड़बड़ी, रिवाइज होगी लिस्ट
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बेसिक शिक्षा विभाग में हाल ही में हुई 31, 277 सहायक शिक्षकों की भर्ती में दूसरी चयन सूची जारी होने के बाद कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार की दूसरी शिक्षक भर्ती भी गलतियों से अछूती नहीं रह सकी। भारत दीप ने अपने संपादकीय में रविवार को जिन गड़बड़ियों का जिक्र किया था, उन्हें कोर्ट में आज महाधिवक्ता ने स्वीकार कर लिया। सरकारी वकील का कहना है कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
जो गलत चयनित हो गए हैं, उन्हें बाहर किया जाएगा और जो चयन ये शेष हैं, उन्हें नियुक्ति मिलेगी। यह कार्रवाई 2-3 हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद कोर्ट ने मामले में 17 नवंबर को सुनवाई की बात कही।
बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में हाल ही में हुई 31, 277 सहायक शिक्षकों की भर्ती में दूसरी चयन सूची जारी होने के बाद कई अनियमितताएं सामने आई हैं। इसमें कम मेरिट वालों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए और अधिक मेरिट वाले अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए।
सरकार की जिलों में सीटें कम करने की नीति भी विवादास्पद है। ऐसे में एक अभ्यर्थी संजय कुमार यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट में सोमवार को सरकार से जवाब मांगा था।
सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस अजित कुमार की कोर्ट में राज्य सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि 31,661 का चयन करने में सरकार से गलती हुई है। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।
2-3 सप्ताह में जांच पूरी कर जो अधिक मेरिट के अभ्यर्थी अचयनित हैं, उनका चयन किया जाएगा। कम मेरिट के चयनित अभ्यर्थियों का चयन निरस्त कर उन्हें बाहर किया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 17 नवंबर को अगली तारीख तय की है।
सरकारी वकील ने कोर्ट में जो कहा ऐसा यदि होता है तो सरकार की फिर से किरकिरी होना तय है। गलत चयन भी अपने आप में पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाता है।