निर्दोषों की हत्या से आक्रोश:आंतकियों को सबक सिखाने अब कश्मीरियों ने ठानी, खुद करेंगे हिसाब चुकता

टीम भारत दीप |

कश्मीरियों में खुद आतंकियों से लड़ने की भावना प्रबल हुई है।
कश्मीरियों में खुद आतंकियों से लड़ने की भावना प्रबल हुई है।

खुफिया एजेंसियों ने इस संदर्भ में सभी सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन को एक अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में कहा गया है कि कश्मीरी अब आतंकियों के खिलाफ कानून को अपने हाथ में भी ले सकते हैं। वह किसी क्षेत्र विशेष में आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए सुरक्षा बलों का इंतजार नहीं करेंगे।

जम्मू- कश्मीर। जम्मू कश्मीर के लोग अब रोज-रोज के खून खराबे से अजीज आ चुके है। अब यहां के स्थानीय लोग आंतकियों के सबक सिखाने के लिए ठान ली है, इस​के लिए लोगों ने खुद ही अपने जत्थे बनाना शुरू कर दिए हैं।

ये जत्थे अपने इलाके में सक्रिय आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों को न सिर्फ चिन्हित करेंगे बल्कि खुद ही उन्हें घेरकर हिसाब चुकता करेंगे। आतंक के खिलाफ लोगों का इस तरह सक्रिय होना निश्चित रूप से उनके लिए खतरे की घंटी है। 

खुफिया एजेंसियों ने इस संदर्भ में सभी सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन को एक अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट में कहा गया है कि कश्मीरी अब आतंकियों के खिलाफ कानून को अपने हाथ में भी ले सकते हैं। वह किसी क्षेत्र विशेष में आतंकियों के खिलाफ अभियान शुरू करने के लिए सुरक्षा बलों का इंतजार नहीं करेंगे। इसलिए प्रशासन सतर्क रहे।

खुफिया एजेंसियों को किया अलर्ट

खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी अलर्ट में कहा गया है कि कश्मीर के लोगों ने पंजाब की आतंकी हिंसा से सबक लेते हुए यह कदम उठाया है। 1980 और उसके बाद के कुछ वर्षों के दौरान पंजाब में कई जगह ग्रामीणों ने आतंकियों से निपटने के लिए अपने गुट बना रखे थे। ये गुट न सिर्फ गांव में पहरा देते थे बल्कि आतंकियों को देखते ही अन्य ग्रामीणों को सचेत करते हुए उन पर टूट पड़ते थे।

एक साल में बढ़ी निर्दोषों की हत्या

मीडिया रिपोर्ट्स पर निगाह डाले तो पिछले एक साल में कश्मीर में पाकिस्तान के इशारे पर आतंकियों ने निर्दाेष नागरिकों को निशाना बनाया है, उससे कश्मीर में लोग पूरी तरह आतंकियों के खिलाफ हैं। खुफिया एजेंसियों ने बताया कि वादी के बहुत से लोग अक्सर सर्दियों में पंजाब जाते हैं।

इसके अलावा कश्मीर के बहुत से छात्र पंजाब के विभिन्न शहरों में पढ़ाई कर रहे हैं। इन लोगों की जब पंजाब में लोगों से कश्मीर के हालात पर बातचीत होती है तो अक्सर पंजाब के लोग आतंकियों के खिलाफ आम लोगों की भूमिका का जिक्र करते हैं। इससे कश्मीरियों में खुद आतंकियों से लड़ने की भावना प्रबल हुई है।

मालूम हो कि शनिवार को बड़गाम में एक एसपीओ (स्पेशल पुलिस आफिसर) और उसका भाई आतंकी हमले में शहीद हुआ है। अगले दिन रविवार को पूरे इलाके में लोगों में जो गुस्सा था, उसे ठंडा करने में प्रशासन को पसीने आ गए।

रेल सेवा को एहतियात के तौर पर बंद करना पड़ा। कई इलाकों में निषेधाज्ञा लगानी पड़ी, क्योंकि डर था कि गुस्साए ग्रामीण उन लोगों पर हमला न कर दें जो आतंकी हिंसा के समर्थक रहे हैं या अभी भी समर्थक हैं।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीनगर, बड़गाम, कुलगाम और अनंतनाग में कुछ जगहों पर ग्रामीणों ने आतंकियों के खिलाफ अपने गुट बनाए हैं। इन गुटों में नौजवानों से लेकर बुजर्ग तक शामिल हैं। ये लोग उलेमाओं और मौलवियों से भी संपर्क में हैं।

कुछ जगहों पर इन लोगों ने आतंकियों व उनके समर्थकों के लिए खुली चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर उनके इलाके में किसी को तंग किया या मारा तो उन्हें पत्थरों से मारा जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था का संकट पैदा हो सकता है।

हत्यारों को मारना गुनाह नहीं 

कुलगाम के एक युवक ने अपना नाम न छापने पर कहा कि निर्दाेष लोगों की हत्या करने वाले को मारना कोई गुनाह नहीं है। यहां पाकिस्तान के इशारे पर इस्लाम और आजादी के नाम पर आए दिन निर्दाेष नागरिकों का कत्ल हो रहा है

यह तभी रुकेगा जब ऐसे लोगों को उनकी ही जुबान में जवाब दिया जाएगा।अख्तर हुसैन नामक एक बुजुर्ग ने कहा कि मैंने भी ऐसे गुटों के बारे में सुना है। मैं नहीं जानता कि कौन लोग ऐसा करने जा रहे हैं, लेकिन जो करने जा रहे हैं, वह सही कर रहे हैं। कब तक हम पुलिस और सेना से मदद लेते रहेंगे।

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