31277 सहायक अध्यापकों की भर्ती की लिस्ट जारी होते ही फिर बवाल, बाहर हुए अभ्यर्थी कह रहे ये

टीम भारत दीप |
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अधिकारी कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
अधिकारी कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय के बाहर भारी तादाद में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने चयन सूची को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है।

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में चल रहे दांव-पेंच के बीच अभ्यर्थियों का आक्रोश निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। 

सोमवार को 31 हजार 277 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी होते ही फिर विवाद खड़ा हो गया है। ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों ने चयन सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय के बाहर भारी तादाद में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने चयन सूची को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। अभ्यर्थियों के मुताबिक भर्ती निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से करायी जाए। 

उन्होंने  आरोप लगाते हुए कहा कि अधिक मेरिट वाले कई अभ्यर्थी इस चयन सूची से बाहर कर दिए गए हैं जबकि कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन हो गया है। ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों ने चयनित अभ्यर्थियों की जारी सूची में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का भी आरोप लगाया है। 

अभ्यर्थियों का कहना है कि इस चयन सूची में अफसरों ने बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती है जिससे कई ज्यादा मेरिट वाले अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए हैं। इसके अलावा यहां ऐसे अभ्यर्थी भी प्रदर्शन कर रहे हैं जिन्हें आवेदन पत्रों में सुधार का मौका नहीं दिया गया है। 

इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने अपने कई आदेशों में अभ्यर्थियों के आवेदन भरने में हुई त्रुटि को मानवीय भूल करार देते हुए अफसरों को सुधार का मौका दिए जाने का आदेश दिया था। अभ्यर्थियों ने कहा कि 68,500 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार के संशोधन का मौका दिया गया। 

वहीं, अब 69 हजार की भर्ती में लगातार अधिकारी कोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे हैं। इस अवसर पर यहां भारी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद रहे।


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