बसपा को एक और झटका: पूर्व राज्य मंत्री देव नारायण सिंह ने पार्टी छोड़ी, बोले बीएसपी मिशन से भटक गई

टीम भारत दीप |

जीएम सिंह पनियरा से सपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
जीएम सिंह पनियरा से सपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

देव नारायण सिंह पहली बार 1995 में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए थे। 1996 में 1996 बसपा से विधानसभा चुनाव लड़े। भाजपा के टीपी शुक्ला से 315 वोट से हार गए। 2002 में फिर बसपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और 13700 वोट से जीते।

गोरखपुर। बसपा सुप्रीमों मायावती ने अभी दो दिन पहले ही अपने दो कद्दावर साथियों लालजी वर्मा और राजअचल राजभर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। अब एक दिन बाद ही पूर्वांचल के दिग्गज नेता देव नारायण सिंह उर्फ जीएम सिंह ने बहुजन समाज पार्टी को अलविदा कह दिया।

देव नारायण सिंह ने बसपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो पार्टी दलितों और पिछड़ों की बात करती थी वह अपने मिशन से एकदम से भटक गई है। अब इस पार्टी में रहना मेरे लिए उचित नहीं है और मैं बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। यह झटका बसपा के लिए बहुत भारी पड़ेगा। क्योंकि देवा की गोरखपुर में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 

गौरतलब है कि बीते बृहस्पतिवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी के खेमों में काफी नाराजगी है।

यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव होना है तो बसपा सुप्रीमों के इस तरह के फैसले संकट में डाल सकते है। ऐसा कयास लगाए जा रहे हैं जीएम सिंह पनियरा से सपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

उतार-चढ़ाव भरा रहा सफर

देव नारायण सिंह पहली बार 1995 में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए थे। 1996 में 1996 बसपा से विधानसभा चुनाव लड़े। भाजपा के टीपी शुक्ला से 315 वोट से हार गए। 2002 में फिर बसपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और 13700 वोट से जीते। 2007 में विधायक का चुनाव बसपा से लड़े 3000 वोट से हार गए।

2008 में दर्जप्राप्त राज्य मंत्री बने। 2012 में सहजनवां के बजाय पनियरा से बसपा ने विधायक का चुनाव लड़ाया और सहजनवां की भी जिमेदारी सौपी। दोनों सीटें जीते। 2017 में बसपा द्वारा पुनः सहजनवा से बिधायक का चुनाव लड़ा जो 56000 वोट पाकर चुनाव हार गये।

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