प्रदर्शनकारियों पर शस्त्र का प्रयोग करने पर म्यांमार में सेना को घोषित किया गया आतंकवादी संगठन
प्रदर्शनकारियों को सबक सीखाने के लिए सुरक्षा बलों ने देश भर में प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि इसके बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने को तैयार नहीं हैं। लोगों पर स्नाइपरों का इस्तेमाल किए जाने से नाराज अपदस्थ नागरिक सरकार के सदस्यों ने सोमवार को सेना को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है।
म्यांमार। हमारे पड़ोसी देश म्यांमार में चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार को पिछले दिनों सेना ने सत्ता से हटा दिया था। सरकार को सत्ता से बेदखल करने के खिलाफ म्यांमार में सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों को सबक सीखाने के लिए सुरक्षा बलों ने देश भर में प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि इसके बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने को तैयार नहीं हैं।
लोगों पर स्नाइपरों का इस्तेमाल किए जाने से नाराज अपदस्थ नागरिक सरकार के सदस्यों ने सोमवार को सेना को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। काउंटर टेररिज्म लॉ के उल्लंघन और आतंकवादियों जैसे कृत्यों के लिए राज्य प्रशासन परिषद ने सेना को आतंकवादी समूह घोषित किया।
स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार समिति ने आरोप में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को गोली मारने,पीटने, छात्र और सिविल सेवकों को गिरफ्तार करने जैसे अत्याचारों को शिामिल किया है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने एक बयान में कहा कि म्यांमार में रविवार को पुलिस और सैन्य बलों की कार्रवाई में 18 लोग मारे गए और 30 से अधिक घायल हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 फरवरी को देश में तख्तापलट के बाद रविवार का दिन सबसे घातक रहा।
बता दें कि सोमवार को एक बार फिर देश के सबसे बड़े शहर यंगून में लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर उतरे। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए स्टेन ग्रेनेड और आंसू गैस के गोले दागे।
अभी तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं है। वहीं, रविवार को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर अब तक सेना की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इस मुद्दे पर पुलिस और सैन्य प्रवक्ता से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
आंग सान सूकी कोर्ट में हुई पेश
दूसरी तरफ म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सूकी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुई। उन पर दो और आरोप लगाए गए हैं, लेकिन समर्थकों का कहना है कि यह पूरी मनगढ़ंत हैं।
पेशी के दौरान देश की पूर्व सर्वोच्च नेता पूरी तरह सेहतमंद लग रही थीं। सूकी ने अपने वकीलों से मिलने की इच्छा जताई है। अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी। एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद यह पहला मौका था जब सूकी को सार्वजनिक तौर पर देखा गया है।