अब 'हिंदुस्तानी' हो गए ईरानी सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामनेई
हिंदुस्तानियों के प्रति प्रेम को भी ज़ाहिर कर रहा है। इसके अलावा हिंदुस्तान में भी उनके करोड़ों समर्थक हैं, जो हिंदी में ट्वीटर के ज़रिए उनसे सीधे जुड़ सकते हैं।
इंटरनेशनल डेस्क। ईरान के सर्वोच्च नेता आयुतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामनेई ने ट्वीटर पर हिंदी में अकाउंट बनाया है। इससे पहले वह कई भाषाओं में अकाउंट चला रहे हैं ये उनका आठवीं भाषा में अकाउंट है। हालांकि हिंदी भाषा में अकाउंट खोलना उनका हिंदुस्तानियों के प्रति प्रेम को भी ज़ाहिर कर रहा है। इसके अलावा हिंदुस्तान में भी उनके करोड़ों समर्थक हैं, जो हिंदी में ट्वीटर के ज़रिए उनसे सीधे जुड़ सकते हैं।
ट्वीटर से बनाए गए हिंदी अकाउंट से हिंदी भाषा में ही ट्वीट किए जा रहे हैं। अभी तक इस अकाउंट से दो ट्वीट किए गए हैं। इसमें पहला ट्वीट था, 'अल्लाह के नाम से, जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है। खामनेई ने हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी ट्विटर अकाउंट बनाए हैं। इनमें फारसी, अरबी, उर्दू, फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी और अंग्रेजी भाषाएं शामिल हैं। हालांकि, उनके हिंदी अकाउंट से अभी तक किसी भारतीय नेता को फॉलो नहीं किया गया है। बल्कि, अलग-अलग भाषाओं के अपने ही अकाउंट को फॉलो किया गया है।
खामनेई का हिंदी ट्विटर अकाउंट इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत के साथ उसके संबंध बहुत पुराने और महत्वपूर्ण रहे हैं। अमेरिका द्वारा व्यापार प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद दोनों देशों के संबंधों को चाबहार पोर्ट और चाबहार-जहेदान रेल लिंक परियोजना ने नए आयाम दिए हैं।
गौरतलब है कि आयतुल्लाह ख़ामनेई अपने ईराकी समकक्ष अली सीस्तानी के साथ पूरी दुनिया में रह रहे शियाओं के बराबरी का दर्जे के धर्मगुरु भी हैं। शिया समुदाय के करोड़ों लोग हिंदुस्तान में भी अली ख़ामनेई के फ़तवों को मानते हैं। शिया उन्हें अपना धर्मगुरु मानते हैं। उनके प्रतिनिधि भी हिंदुस्तान में मौजूद हैं, जो धार्मिक कार्य को देखते हैं।
इसके अलावा हिंदुस्तान में ही शियाओं की आबादी करीब 8 से 10 करोड़ बताई जाती है और उनमें से कम से कम आधों का धार्मिक सरोकार आयतुल्लाह ख़ामनेई से है। इस वजह से भी हिंदी में ट्वीटर अकाउंट ख़ोलना उनके फॉलोवर के लिए भी अच्छा क़दम है। इस तरह उनके फॉलोवर सीधे उनसे जुड़ पाएंगे।
वहीं, इस साल फरवरी में अमेरिका के रिपब्लिकल सीनेटरों के एक समूह ने ट्विटर से खामनेई और ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जारिफ का अकाउंट बंद करने का अनुरोध किया था। ईरान के चीन से साथ बढ़ते संबंधों को लेकर भी अमेरिका का ईरान के प्रति रुख बिगड़ा हुआ है।