आजम खान की सेहत बिगड़ी, लखनऊ मेदांता में शिफ्टिंग के लिए पहुंचे अफसर
आजम खान की शिफ्टिंग के लिए एसडीएम सदर अमित भट्ट और सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह समेत कई अधिकारी सीतापुर जेल पहुंचे। लेकिन आजम खान ने अकेले मेदांता अस्पताल जाने से इंकार कर दिया। उन्होंने अफसरों से कहा कि बेटे का भी इलाज मेदांता में हो। पूर्व मंत्री की शर्त को अफसर मानने को तैयार हो गए है।
सीतापुर। सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और इस समय रामपुर के सांसद आजम खान गत दिवस कोरोना से संक्रमित हुए थे, उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर अच्छे इलाज के लिए अब उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है।
आजम खान की शिफ्टिंग के लिए एसडीएम सदर अमित भट्ट और सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह समेत कई अधिकारी सीतापुर जेल पहुंचे। लेकिन आजम खान ने अकेले मेदांता अस्पताल जाने से इंकार कर दिया। उन्होंने अफसरों से कहा कि बेटे का भी इलाज मेदांता में हो। पूर्व मंत्री की शर्त को अफसर मानने को तैयार हो गए है।
14 माह से जेल में है आजम खान
आजम खान उनकी पत्नी रामपुर सदर से विधायक तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ फरवरी 2020 में रामपुर के अपर जिला न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार की अदालत ने कुर्की का वारंट जारी किया था। यह वारंट पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने से संबंधित मुकदमें में जारी किए गए थे।
अदालत में पेश न होने के कारण तीनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट पहले ही जारी किए जा चुके थे। मालूम हो कि आजम खान के साथ ही उनके बेटे अब्दुल्ला भी कोरोना संक्रमित है।तीनों ने अपर जिला न्यायाधीश की अदालत में समर्पण किया था।
जहां उन्हें दो मार्च 2020 तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। सांसद आजम समेत तीनों नेताओं को रामपुर जेल में रखा गया था। लेकिन, कानून व्यवस्था का हवाला देकर तीनों को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। 20 दिसंबर को फातिमा को जेल से रिहा कर दिया गया है, हालांकि,उनके बेटे अब्दुल्ला और खुद सांसद आजम खान जेल में रहे।
इस प्रकरण में जेल गया था आजम कुनबा
दरअसल, रामपुर के गंज थाने में आकाश सक्सेना ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आज़म खान ने नगर निगम रामपुर से दो जन्म प्रमाण पत्र 28 जनवरी 2012 व 21 अप्रैल 2015 को जारी कराया।
इसमें अलग-अलग जन्मतिथि अंकित है, एक में उनकी जन्म तिथि 1 जनवरी1993 है, तो दूसरे में 30 सितंबर 1990 है। ऐसा उनके द्वारा सरकारी लाभ व चुनाव लड़ने के लिए किया तथा उनके इस धोखाधड़ी में उनके पिता आज़म खान व उनकी मां डॉ. तंजीन फातिमा शामिल हैं। इसी जन्म प्रमाणपत्र केआधार पर अब्दुल्ला आज़म खान की विधायकी भी रद्द की जा चुकी है।