बहराइच: बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। न्यायाधीश ने बिटिया को नया नाम दिया। विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संतप्रताप सिंह ने बताया कि न्यायाधीश ने बिटिया को नया नाम देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रतिकर दिलाने की कार्रवाई करने को कहा है।
बहराइच। बाप बेटी के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाले दुष्कर्मी पिता को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपित पिता लगातार दो साल से अपनी बेटी से दुष्कर्म कर रहा था।
आरोपित पिता को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने फांसी की सजा सुनाते हुए दुराचारियों को सख्त लहजे में संदेश दिया है। वहीं कोर्ट ने तीन महीने में सुनवाई पूरी कर न्यायाधीश ने अभियुक्त को दोष सिद्ध करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही बिटिया को नया नाम दिया।
विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो संतोष सिंह ने बताया कि थाना सुजौली क्षेत्र निवासी मां ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपने ही पति पर आरोप लगाते हुए थाने में 23 अगस्त, 2021 को मुकदमा दर्ज कराया था।
बिटिया की मां ने तहरीर में कहा था कि बिटिया के चिल्लाने पर इसकी जानकारी हुई, लेकिन मौके से पति फरार हो चुका था।बिटिया ने मां को अपने पिता के बारे बताते हुए कहा था कि वह लगातार दो साल से उसके साथ जबरन दुष्कर्म कर रहा है।
शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देता था। डर के चलते वह किसी से कुछ नहीं बता सकी। विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह ने बताया कि मामला विशेष न्यायाधीश रेप एंड पाक्सो एक्ट नितिन पांडेय के न्यायालय में चल रहा था।
अभियोजन पक्ष की ओर से कड़ी पैरवी होने के बाद महज तीन माह के अंदर मंगलवार को न्यायाधीश रेप एंड पॉक्सो ने घटना को जघन्य मानते हुए आरोपी बाप को दोष सिद्ध करार दिया। जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
न्यायाधीश ने बिटिया को नया नाम दिया। विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संतप्रताप सिंह ने बताया कि न्यायाधीश ने बिटिया को नया नाम देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रतिकर दिलाने की कार्रवाई करने को कहा है। डीएम ने निर्देश दिया कि पीड़ित पक्ष को उचित प्रतिकर दिलाया जाए।
एसपी को निर्देशित करते हुए कहा कि अगर पीड़ित पक्ष को किसी भी प्रकार की सुरक्षा की आवश्यकता होती है तो मुहैया कराई जाए।
डीएनए रिपोर्ट से दोष हुआ सिद्ध
पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले की जांच पड़ताल की। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष सिंह ने नौ गवाहों को पेश कराया।
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट, डीएनए परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आरोपित को दोष सिद्ध ठहराते हुए अदालत ने अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य धाराओं में भी अभियुक्त को सजा के साथ-साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इसे भी पढ़ें...