बांदा: बाहुबली मुख्तार की सुरक्षा की खुली पोल! जेल में ही छिपा मिला फरार कैदी,रातभर ढूंढते रहे सुरक्षाकर्मी
जेल की सुरक्षा की पोल तब खुली जब बीते रविवार रात को यहां से एक कैदी के फरार होने की खबर फैली तो यहां हड़कंप मच गया। ताज्जुब की बात तो यह कि जिस फरार कैदी की तलाश करने को लेकर रातभर सुरक्षा कर्मी उसे तलाशते रहे। वह आखिरकार जेल में ही मिला।
बांदा। यूपी की बांदा जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां बाहुबली मुख्तार अंसारी बंद हैं। उसकी सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के दांवे भी किए जा रहे हैं। लेकिन जेल की सुरक्षा की पोल तब खुली जब बीते रविवार रात को यहां से एक कैदी के फरार होने की खबर फैली तो यहां हड़कंप मच गया।
ताज्जुब की बात तो यह कि जिस फरार कैदी की तलाश करने को लेकर रातभर सुरक्षा कर्मी उसे तलाशते रहे। वह आखिरकार जेल में ही मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांदा जेल से रविवार रात एक कैदी फरार हो गया था। बताया गया कि जैसे ही इसकी सूचना अधिकारियों को मिली उनके हाथ-पांव फूल गए। इस बीच जेलकर्मी जिस फरार कैदी की तलाश में रातभर जुटे रहे।
वह 24 घंटे बाद वह कैदी जेल के अंदर ही छुपा हुआ मिला। बताया गया कि कैदी के 24 घंटे तक जेल में छुपे रहने की पुष्टि डीआईजी जेल संजीव कुमार त्रिपाठी ने की है। बताते दें कि बांदा जेल को यूपी की सुरक्षित जेलों में गिना जाता है। अफसर यहां हाईटेक सुरक्षा का दावा भी करते हैं। इसी दावे के बीच यहां हाई प्रोफाइल कैदी मुख्तार अंसारी को रखा गया है।
उधर सिटी मजिस्ट्रेट केशव नाथ ने रविवार देर रात ही फरार कैदी के जेल में छिपे होने का अंदेशा जताया था। उनके मुताबिक रविवार रात भागा कैदी विजय आरख चोरी के मामले में फरवरी से बंद था। वहीं जेल अधिकारियों के मुताबिक वह चोर है। हो सकता है कि वह जेल में ही कहीं छिपा हो। फिलहाल उसकी तलाश की जा रही है।
साथ ही केशव नाथ ने यह भी बताया था कि रविवार शाम 7.30 बजे सभी कैदियों को खाना खिलाया गया। जिसके बाद वह बैरक नम्बर-4बी से पानी पीने गया। जिसके बाद से उसे किसी ने नहीं देखा। बताया गया कि जब रात में कैदियों की गिनती होने लगी तब पता चला कि विजय आरख गायब है।
इधर जेल प्रशासन का कहना है कि कैदी ने बांस के पेड़ के सहारे दीवार फांदने के प्रयास किया लेकिन नीचे गिर गया। कमर में चोट लगने की वजह से वह भाग नहीं पाया तो सांस रोककर घास के नीचे छिप गया। बताया गया कि जेल की एक टीम उसकी तलाश में संभावित जगहों पर छानबीन कर रही थी। वहीं दूसरी ओर जेल के अंदर भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था।
डीआईजी जेल संजीव कुमार त्रिपाठी के मुताबिक खोजबीन के दरम्यान विजय घास के नीचे छिपा मिला। वहीं दावा किया गया है कि मारे पीटे जाने के डर से वह सांस रोककर घास—फूस में छिपा बैठा रहा। गौरतलब है कि बीते अप्रैल में मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। उस समय मुख्तार के परिजनों ने आशंका भी जाहिर की थी कि मुख्तार के लिए बांदा जेल सुरक्षित नहीं है।
उस दौरान अफसरों ने हाईटेक सुरक्षा का आश्वासन दिया था। इसकी पोल इस घटना के बाद अब खुलती नजर आई। वहीं अब बताया गया कि विजय आरख चोरी के आरोप में बंद मामूली कैदी था। मगर उसके फरार होने के बाद इमरजेंसी अलार्म बजाया गया। बताया गया कि सुरक्षाकर्मी तो अलर्ट हुए ही, अधिकारियों का भी जेल में आना-जाना शुरू हो गया।
बताया गया कि देर रात से अब तक कई बार अधिकारी जेल के चक्कर काट चुके हैं। डीएम और एसपी ने भी जेल का निरीक्षण किया है। चूंकि जेल में मुख्तार अंसारी जैसा हाई प्रोफाइल कैदी बंद है। ऐसे में यहां सुरक्षा के इस हाल पर अब सवाल उठाए जा रहे है।