उत्तर प्रदेश में बंद को घर में किया 'बंद',बाजार में डटे पुलिस जवान
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश में विपक्ष ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन विपक्ष की तैयारी को पुलिस प्रशासन ने सफल नहीं होने दिया। अधिकांश बंद का आह्वाहन करने वाले नेताओं को घर में बंद करके बंद को बेअसर करने का पूरा प्रयास किया।
लखनऊ। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश में विपक्ष ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन विपक्ष की तैयारी को पुलिस प्रशासन ने सफल नहीं होने दिया।
अधिकांश बंद का आह्वाहन करने वाले नेताओं को घर में बंद करके बंद को बेअसर करने का पूरा प्रयास किया। फिर भी जगह-जगह बंद का असर दिखा। दिया गया।
किसान बिल के विरोध में मंगलवार को होने वाले भारत बंद का असर लखनऊ के शहरी इलाकों में बेअसर रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। लखनऊ-बाराबंकी बॉर्डर पर भारी फोर्स तैनात नजर आई।
विधान भवन पर सपा के पांच एमएलसी मौन धरने पर बैठे। वहीं, सफेदाबाद रेलवे क्रॉसिंग सपा कार्यकर्ता और किसानों ने बैठकर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें हटाने का प्रयास करती रही। दूसरी तरफ, शहरी इलाकों में रोजाना की तरह सब्जी मंडी और बाजार लगी।
लखनऊ:पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आवास चारो तरफ बेरिकेडिंग से सील रहा। समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील साजन, आनंद भदौरिया, राज्यपाल कश्यप व आशु मालिक किसानों के भारत बंद के समर्थन में विधान भवन के गेट नंबर 3 पर चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने मौन धरने पर बैठे। वहीं राजधानी में प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा है।
वाराणसी: भारत बंद के मद्देनजर मेंहदीगंज गांव निवासी किसान आंदोलन के समर्थक और एनएपीएम के राज्य संयोजक सुरेश राठौर को मिर्जामुराद थानाप्रभारी सुनीलदत्त दुबे द्वारा रात से ही घर पर नजर बंद कर दिया गया।
सपा कार्यकर्ताओं की रविंद्रपुरी के पास पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तारी की है। भारत बंद के सर्मथन में जुलूस निकाल रहे अपना दल के नेता गगन यादव को मुढैला से गिरफ्तार किया गया है, इस दौरान पुलिस से धक्का मुक्की भी हुई।
सुबह 11 बजे मैदागिन स्थित टाउन हाल मैदान में किसान यूनियन के पदाधिकारियों की जुटान शुरू हुई। भारत बंद को लेकर सक्रिय जिला प्रशासन ने टाउन हाल मैदान से गिरफ्तार करके कोतवाली ले गई, जहां पुलिस ने उन्हें बैठाया है।
गोरखपुर: गोरखपुर में कांग्रेस की जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान को पिपराइच स्थित उनके आवास पर नजरबंद किया गया। कांग्रेस पार्टी दोपहर 12:00 बजे भारत बंद के समर्थन में जिला परिषद गेट के सामने से रैली निकालेगी।
वहीं देवरिया में सपा जिलाध्यक्ष व 60 सपा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया। सपा कार्यकर्ताओं की पहचान के लिए पुलिस आंदोलन के दौरान बनाये गए वीडियो से की जा रही है।
सपा जिलाध्यक्ष डाक्टर दिलीप यादव के नेतृत्व समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सोमवार को सड़क पर उतर गए। कोतवाली के उप निरीक्षक बृजेश दुबे ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दिया है, जिसमें जिलाध्यक्ष व अन्य 60 ककार्यकर्ताओं पर बिना मास्क के आंदोलन करने का आरोप लगाया गया है।
प्रयागराज: प्रयागराज में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज जंक्शन में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ग्वालियर से मडुवाडीह जाने वाली बुंदेलखंड स्पेशल ट्रेन को रोक दिया। पुलिस ने करीब 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
मेरठ: बंद को देखते हुए मेरठ पुलिस प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। मेरठ और आसपास के जिलों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। सुबह 11 बजे के करीब मेरठ, मुजफ्फनगर, बिजनौर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर में किसानों ने हाइवे पर चक्का जाम लगाना शुरू कर दिया।
इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। मेरठ-करनाल हाइवे पर दबथुवा, मेरठ-बागपत रोड़ पर जानी खुर्द, मेरठ-पौडी राजमार्ग पर मवाना खुर्द, दिल्ली दून बाइपास पर जटौली कट व भूडबराल चौराहे पर भाकियू के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं व किसानों ने चक्का जाम कर दिया।
आगरा: आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, एटा, मैनपुरी और कासगंज में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है और हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। आगरा में भाकियू भानु गुट के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी को पुलिस नेे गिरफ्तार कर लिया है, वहीं फीरोजाबाद में सपाइयों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
सपा जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल को उनके समर्थकों सहित पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने उन्हें उनके आवास से ही हिरासत में लिया है। इधर, सपा राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन के हरीपर्वत स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया है।
अलीगढ़: मंगलवार को सुबह से ही पुलिस ने सपा नेताओं की निगरानी शुरू कर दी है। जिलाध्यक्ष गिरीश यादव, अज्जू इशहाक, पूर्व विधायक जफर आलम, जमीरउल्लाह आदि नेताओं के घरों पर पुलिस पिकेट तैनात है।
जिलाध्यक्ष समर्थकों के साथ जफर आलम के घर पहुंचें है, यहीं से आगे की रणनीति बनाई जाएगी। वहीं, किसान नेताओं की धनीपुर, खैर, इगलास आदि मंडियां बंद कराने पहुंचगे। मंडियों में भी खरीद चल रही है। यहां भारत बंद का कोई असर नहीं है। सरकारी क्रय केंद्रों पर भी किसान धान बेच रहे हैं।
कानपुर: किसान आंदोलन में भारत बंद की घोषणा का कानपुर में खास असर नजर नहीं आ रहा है। चंद व्यापार संगठनों को छोड़कर बाकी सभी ने बाजार खोलने की बात सात दिसंबर को ही कह दी थी।
सुबह से ही अधिकांश बाजारों में दुकानें खुल गई थीं। नवीन मार्केट में सबसे पहले राजनीतिक दलों द्वारा बंदी का प्रयास किया जाता है, इसलिए वहां व्यापारियों ने थोड़ा इंतजार के बाद दुकानें खोलनी शुरू कीं। प्रदर्शन के लिए सुबह पूर्व सांसद सुभाषिनी अली को निकल ही रही थीं कि उन्हें उनके घर में ही रोक दिया है।
बरेली: भारत बंद को लेकर पुलिस सुबह से ही सक्रिय है। सेठ दामोदर दास पार्क के पास पुलिस ने डेरा डाल दिया है। खुद प्रभारी एसएसपी डॉ संसार सिंह टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। अभी तक भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला है।
दुकानें रोज की तरह ही खुली है।वहीं माहौल सामान्य रहे। इसके लिए पुलिस ने सपा, कांग्रेस और किसान नेताओं को नजर बंद कर दिया है। सपा महानगर कमेटी ने किसानों के समर्थन में बंद सफल करने के लिए गांधी मूर्ति चौराहा पर धरना प्रदर्शन की घोषणा की थी।
ऐसे में महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, उपाध्यक्ष शमीम अहमद को उनके घर पर ही नजर बंद कर दिया गया। जबकि जिला अध्यक्ष अगम मौर्य को उनके आवास पर ही पुलिस ने रोक दिया।
इसके साथ कांग्रेस नेता अजय शुक्ला को भी नजर बंद किया गया है। वहीं किसान नेता डा. रवि नागर को भी पुलिस ने उनके घर पर ही नजर बंद कर दिया। अब तक 21 लोगों को बरेली जिले में पुलिस ने नजर बंद किया है।
मुरादाबाद: किसान संगठन के द्वारा भारत बंद को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जोन के एडीजी अविनाश चंद्र स्वयं मुरादाबाद में आकर अफसरों के साथ बैठक करके सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए।
पुलिस और प्रशासन के अफसर सपा और कांग्रेस नेताओं के घर के बाहर पहुंच गए। पहले अफसरों ने सपा विधायकों को फोन किया। इस पर सपा विधायकों ने खुद फोन न उठाकर दूसरे को रिसीव कराकर खुद के बाहर होने की जानकारी दिलवा दी।
वहीं अफसर जब विधायक के दरवाजे पर पहुंचे तो घर का गेट नहीं खोला गया। इसके बाद अफसर नेताओं के दरवाजे पर कुर्सी डालकर बैठ गए। जिन कांग्रेस नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर भारत बंद का समर्थन करते हुए सहयोग मांगा था,उन नेताओं के दरवाजे पर भी सुबह सात बजे से अफसर पहरे पर बैठ गए थे।