बैंक मैनेजर की सूझबूझ से सरकार के 11 करोड़ रुपये बचे, शातिर गिरफ्तार

टीम भारत दीप |

कोटक महिंद्रा बैंक में पटना जिला भू-अर्जन विभाग का सरकारी अकाउंट है।
कोटक महिंद्रा बैंक में पटना जिला भू-अर्जन विभाग का सरकारी अकाउंट है।

भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल का फर्जी साइन कर एग्जीबिशन राेड काेटक महिंद्रा बैंक से एक निजी कंपनी के खाते में 11 कराेड़ 73 लाख 12 हजार 721 रुपये आरटीजीएस करने गए शातिर शुभम कुमार गुप्ता काे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पटना के चितकाेहरा बाजार का रहने वाला शुभम शनिवार काे करीब 3 बजे बिना ऑरिजनल चेक या क्लाेन चेक लेकर बैंक गया।

पटना। आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं आम हो गई, लेकिन पिछले दिनों एक शातिर बदमाश बैंक के साथ धोखाधड़ी करते हुए पकड़ा गया। जिसे बैंक मैनेजर ने पुलिस के हवाले कर दिया।

मामला बिहार की राजधानी पटना का है। यहा के भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल का फर्जी साइन कर एग्जीबिशन राेड काेटक महिंद्रा बैंक से एक निजी कंपनी के खाते में 11 कराेड़ 73 लाख 12 हजार 721 रुपये आरटीजीएस करने गए शातिर शुभम कुमार गुप्ता काे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पटना के चितकाेहरा बाजार का रहने वाला शुभम शनिवार काे करीब 3 बजे बिना ऑरिजनल चेक या क्लाेन चेक लेकर बैंक गया। उसने पंकज पटेल के साथ ही बैंक मैनेजर अभिषेक राजा का भी फर्जी साइन कर दिया था।

मैनेजर काे जब शक हुआ ताे उन्हाेंने पटेल काे ईमेल किया और सारी जानकारी दी। इसके बाद पटेल ने जवाब दिया कि ऐसा काेई आरटीजीएस करने काे किसी काे नहीं कहा गया है, उसके बाद बैंक मैनेजर ने उसे करीब छह घंटे तक आरोपी को बैंक में बैठाए रखा।

जांच के बाद रात नाै बजे गांधी मैदान थानेदार रंजीत वत्स काे काॅल कर बुलाया गया और पुलिस के हवाले किया गया। बैंक मैनेजर के लिखित बयान पर शातिर शुभम पर केस दर्ज कर लिया गया।

पुलिस ने पूछताछ कर रविवार काे शुभम काे जेल भेज दिया। शुभम मूल रूप से जहानाबाद के शकुराबाद का रहने वाला है। एग्जीबिशन रोड में कोटक महिंद्रा बैंक में पटना जिला भू-अर्जन विभाग का सरकारी अकाउंट है।

शुभम ने इतना बड़ा फर्जीवाड़ा करने के लिए आरटीजीएस का तीन फार्म भरा था। यह रकम भू-अर्जन पदाधिकारी के सरकारी खाते से बाेरिंग राेड आईसीआईसीआई बैंक में एक निजी कंपनी बीएस इंटरप्राइजेज के खाते में ट्रांसफर करना चाह रहा था, उसने इसके लिए पटेल का आधार कार्ड लगाया,।

यही नहीं उसने एनएचएआई का लेटर हेड भी लगाया था, जिसमें लिखा हुआ था ओके टू प्राेसेस.इस मामले में पंकज पटेल ने बताया कि मेरे पास ईमेल आया ताे मैं भी दंग रह गया। खाते की जांच कराई गई तो सब ठीक था।

पंकज ने बताया कि जब किसी संस्था या एजेंसी काे भू-अर्जन पदाधिकारी के सरकारी खाते से रकम के लिए चेक दिया जाता है ताे उसमें पाने वाला का पूरा नाम, पता, खाता संख्या, एडवाइस समेत अन्य बातें लिखी जाती हैं।

चेक लेकर काेई सरकारी स्टाफ जाता है, शुभम के पास ऐसा डिटेल नहीं था, उसके पास काेई चेक भी नहीं था ताे कैसे आरटीजीएस हाेता।पटेल के मुताबिक उसने मेरा और बैंक मैनेजर का फर्जी साइन किया था, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शुभम काे इस बात की जानकारी नहीं थी कि बिना चेक के आटीजीएस नहीं हाेता है या फिर इस बात से अनजान था।

कहीं ऐसा ताे नहीं कि इसके पीछे काेई साइबर अपराधियाें का बड़ा सरगना है जिसने शुभम काे कुछ रुपये देकर काेटक महिंद्रा बैंक भेज दिया। अब पुलिस आगे की जांच के लिए बैंक में जाकर जांच पड़ताल करेगी। 

गांधी मैदान थानेदार रंजीत वत्स ने बताया कि पूछताछ के बाद शुभम काे रविवार काे जेल भेज दिया गया। पुलिस उसके पूरे गिराेह का सुराग लगाने में जुटी है। पुलिस बाेरिंग राेड स्थित बैंक भी जाएगी ताकि यह पता लग सके कि वहां किसका खाता है जहां रकम ट्रांसफर हाेने के लिए शुभम आरटीजीएस करने गया थी।


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