बढ़े सर्विस चार्ज पर केंद्र सरकार की सफाई, बैंक ऑफ बड़ौदा वापस लेगा अपना नया नियम
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वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 1 नवंबर 2020 से बैंक ऑफ बड़ौदा ने मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या के संबंध में कुछ बदलाव किए थे।
नई दिल्ली। बीते कई दिनों से बैंकों द्वारा ग्राहकों के लिए सर्विस चार्ज बढ़ाये जाने की खबर पर बुधवार को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने सफाई दी है। अपने ताजा बयान में वित्त मंत्रालय ने कहा है 60 करोड़ से अधिक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट पर कोई सेवा शुल्क नहीं लिया जाता है।
मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा कि गरीबों और बैंकिंग सेवा से महरूम रहे लोगों के लिए खोले गए 41.13 करोड़ जनधन खातों के लिए बैंक कोई सेवा शुल्क नहीं लेता है। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 1 नवंबर 2020 से बैंक ऑफ बड़ौदा ने मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या के संबंध में कुछ बदलाव किए थे।
मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या प्रति माह पांच से घटाकर तीन प्रति माह कर दी गई थी। अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने सूचित किया है कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के बाद बनीं स्थितियां देखते हुये उन्होंने अपना निर्णय वापस लेने का फैसला लिया है।
इसके अलावा, किसी अन्य पीएसबी ने हाल ही में इस तरह का कोई चार्ज नहीं बढ़ाया है। हालांकि आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित सभी बैंकों को अपनी सेवाओं के लिए उचित, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से शुल्क लगाने की अनुमति है।
बैंक इसी आधार पर ही तमाम चार्ज लगाती हैं। लेकिन फिलवक्त कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निकट भविष्य में भी किसी भी बैंक ने शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं किया है।
वहीं बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) खातों के संबंध में कहा गया है कि 60.04 करोड़ खाता धारकों पर कोई सेवा शुल्क लागू नहीं है। इनमें 41.13 करोड़ जन धन खाते शामिल हैं, जो आरबीआई द्वारा गरीबों के लिये निर्धारित मुफ्त सेवाओं के प्रावधान के तहत खोले गये हैं।