वित्तमंत्री के हस्तक्षेप के बाद नतीजे पर पहुंचती दिख रही बैंककर्मियों के नए वेतन समझौते की राह
सभी वार्ताकार यूनियन एआईबीईए, एनसीबीई, एनओबीडब्ल्यू और आईएनबीईएफ की ओर से जारी संयुक्त बयान में बताया गया है कि इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश शर्मा से वार्ता के बाद उनकी मांगें स्वीकार कर ली गई हैं।
बैंकिंग डेस्क। बीते दिनों सैलरी कंपोनेंट को लेकर आईबीए और वार्ताकार बैंक यूनियनों में मतभेद दिखाई देने के बाद अब दोनों पक्षों में सहमति बनती दिख रही है। माना जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बाद हस्तक्षेप के बाद ये मुमकिन हो पाया है। हाल ही में वित्तमंत्री ने आईबीए चेयरमैन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए वार्ता की थी।
शनिवार को सभी वार्ताकार यूनियन एआईबीईए, एनसीबीई, एनओबीडब्ल्यू और आईएनबीईएफ की ओर से जारी संयुक्त बयान में बताया गया है कि इंडियन बैंक एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश शर्मा से वार्ता के बाद उनकी मांगें स्वीकार कर ली गई हैं।
सैलरी के विभिन्न कंपोनेंट को आॅवरआॅल काॅस्ट 3385 करोड़ रूपये के अंदर लाने की बात पर आईबीए राजी हो गया है। ऐसे में फाइनल सैटलमेंट भी जल्द ही होने की उम्मीद है। शनिवार की वार्ता के बाद जो नए वेतनमान तय हुए हैं वे इस प्रकार हैं-
डीए को जो पहले तय हो चुका है, उसी प्रकार 0.07 प्रतिशत प्रति स्लैब के अनुसार रखा गया है। नई बात ये कि अब से सभी के लिए समान एचआरए पर सहमति बनी है। ऐसे में लग रहा है कि नए वेतनमान को लेकर लंबे समय से चल रही जद्दोजहद अब समाप्त होने की ओर है।
शनिवार को सभी वार्ताकार यूनियनों के रूख ये साफ हो गया कि नए वेतनमान को लेकर द्विपक्षीय सहमति पत्र पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। हालांकि अभी सैलरी के कई कंपोनेंट हैं जिन पर चर्चा होना बाकी है।
आईबीए के सूत्रों के अनुसार यह द्वन्द्व हाल ही में वित्तमंत्री की आईबीए चेयरमैन से बातचीत के बाद नतीजे पर पहुंचा है। माना जा रहा है कि सरकार इस मुद्दे को ज्यादा लंबा नहीं खींचना चाहती, ताकि चुनाव से पहले ये सरकार के कार्याें को प्रभावित न करे। खुद प्रधानमंत्री भी बैंककर्मियों की पीठ थपथपा कर इसका इशारा कर चुके हैं।