बरेली—बदायूं फोरलेन घोटाले में अफसरों को अल्टीमेटम, इन गंभीर आरोपों की जांच फिर शुरू

टीम भारत दीप |
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सांकेतिक तस्वीर
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81 करोड़ की लागत के इस प्रोजेक्ट में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव ने कई अधिकारियों को तलब कर इस मामले में न सिर्फ पूछताछ की बल्कि उन्हें 30 जून तक सारा रिकार्ड भी उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दे दिया है।

उत्तर प्रदेश में बरेली-बदायूं फोरलेन के निर्माण में पुरानी सड़क का डामर और बिजली के पोल लगाने जैसे गंभीर आरोपों की दोबारा जांच शुरू होने के बाद पीडब्ल्यूडी के बड़े अफसरों से जवाब लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 281 करोड़ की लागत के इस प्रोजेक्ट में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव ने कई अधिकारियों को तलब कर इस मामले में न सिर्फ पूछताछ की बल्कि उन्हें 30 जून तक सारा रिकार्ड भी उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दे दिया है।

पीडब्ल्यूडी ने 2016-17 में बरेली और बदायूं के बीच 281 करोड़ की लागत से फोरलेन हाईवे का निर्माण कराया था। कुछ समय बाद ही शासन में शिकायतें पहुंचीं कि फोरलेन के निर्माण में पुराने मलबे का इस्तेमाल किया गया है, बिजली के पोल भी पुराने लगा दिए गए हैं। 

दायर हुई थी याचिका
शासन में इस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी को फोरलेन हाईवे की टीएसी जांच कराकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे लेकिन सुनियोजित ढंग से जांच दबा दी गई। जांच समिति ने यह रिपोर्ट देकर जांच बंद कर दी कि शिकायतकर्ता ही नहीं मिल रहा है।

अफसरों की परेड शुरू 
अब यह मामला राष्ट्रपति तक पहुंचने के बाद शासन के निर्देश पर नए सिरे से दोबारा जांच शुरू कराई गई है। इसके बाद लखनऊ में अफसरों की परेड भी शुरू हो गई है। हाल ही में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव ने इस मामले में मुख्य अभियंता परिवाद, अधीक्षण अभियंता परिवाद, अधीक्षण अभियंता बदायूं-पीलीभीत सर्किल, एक्सईएन निर्माण खंड बदायूं समेत कई अफसरों को लखनऊ तलब कर लिया। अफसरों से उन्होंने पूछताछ कर अपनी स्थिति भी स्पष्ट करने को कहा। अधिकारियों से 30 जून से पहले रिकार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।


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