अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवसः मूवीज-वेबसीरीज के बजाय पैशन को वक्त, इसीलिए इंजीनियर सौम्या आज शास्त्रीय गायक भी

टीम भारत दीप |
अपडेट हुआ है:

संगीत की यह विरासत उनकी मां के जरिए उन तक पहुंची।
संगीत की यह विरासत उनकी मां के जरिए उन तक पहुंची।

उनके नाना ने अपनी धर्मपत्नी के निधन के बाद कोटा में उनकी स्मृति में ‘कला भारती‘ संस्था की शुरूआत की थी। जहां पंडित अजय चक्रवर्ती जैसे बड़े शास्त्रीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं तो वहीं आज बॉलीवुड की जानी मानी सिंगर श्रेया घोषाल के हुनर को भी यहीं से पहचान मिली थी।

बरेली। आज अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस है। इसी उम्र में हम तेजाबी ख्वाब देखते हैं। हम में से कई हैं जो जिंदगी की आपाधापी में सिर्फ रोटी, कपड़ा, मकान की जुगत में अपने सपनों को घर के किसी बक्से में रखकर बंद कर देते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो व्यस्त होकर भी अपने पैशन के लिए समय निकाल ही लेते हैं। 

इन्हीं दूसरे टाइप के युवाओं में बरेली की सौम्या सक्सेना भी हैं। सौम्या जानी मानी मल्टीनेशनल कंपनी आईबीएम में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्यरत हैं। इसके अलावा उनकी एक पहचान यह भी है कि वे इंजीनियर होने के साथ-साथ एक शास्त्रीय गायक और नृत्यांगना भी हैं। 

सौम्या को संगीत विरासत में मिला है। उनकी मां मुक्ति सक्सेना बरेली के स्कूल में डांस टीचर हैं। सौम्या की नानी गुलाब सक्सेना एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायक थीं और उनके नाना ने अपनी धर्मपत्नी के निधन के बाद कोटा में उनकी स्मृति में ‘कला भारती‘ संस्था की शुरूआत की थी। जहां पंडित अजय चक्रवर्ती जैसे बड़े शास्त्रीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं तो वहीं आज बॉलीवुड की जानी मानी सिंगर श्रेया घोषाल के हुनर को भी यहीं से पहचान मिली थी। 

सौम्या बताती हैं कि उनके नाना का सपना था कि वे एक क्लासिकल सिंगर बनें। इसीलिए संगीत की यह विरासत उनकी मां के जरिए उन तक पहुंची। आज जब नाना नहीं हैं तो सौम्या उनके सपनों को पूरा करने के लिए अपने नौकरी के व्यस्त शेड्यूल में से कुछ समय अपने पैशन के लिए निकाल लेती हैं।  

पापा की इच्छा से इंजीनियर 
अपने पैशन से पहले सौम्या ने अपने पापा अरूण कुमार सक्सेना की बात मानते हुए इंजीनियरिंग को अपना करियर बनाया। बरेली से स्कूलिंग के बाद उन्होंने गाजियाबाद के एबीईएस इंजीनियरिंग कालेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री ली। 

इसके बाद जॉब भी कर रही हैं लेकिन अपने पैशन के लिए रोज सुबह जल्दी उठकर रियाज करती हैं और फिर ऑफिस का काम। इसके बाद जब शाम को समय मिलता है तो संगीत सुनती हैं। उनका कहना है कि मूवीज और वेबसीरीज में समय लगाने से अच्छा मैं अपने पैशन को समय देना मानती हूं। 

जॉब के साथ ही पढ़ाई भी 
सौम्या ने अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय से भारतीय शास्त्रीय संगीत में 4 साल का सर्टिफिकेट कोर्स किया है। भातखंडे यूनिवर्सिटी से कथक में दो साल का सर्टिफिकेट कोर्स भी कर चुकी हैं। यह सब उन्होंने अपनी जॉब के साथ ही किया। अपनी मां को गुरू मानने वाली सौम्या ने भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य की शिक्षा मां से ही ली है। हिंदी ही नहीं सौम्या कई भारतीय भाषाओं में गायन में पारंगत हैं।

देखें वीडियो
 
मिल चुके हैं ये अवार्ड 

- ईटीवी उत्तर प्रदेश के किड्स रियेलिटी शो 'फुंकार‘ में एकल गायन के लिए प्रथम पुरस्कार (2002)
- इंटरनेशनल वीमेन डांस ग्रुप फेस्टिवल गाजियाबाद में रनर अप (2003)
- जियोफेस्ट इंटरनेशनल लखनउ में प्रतिभाग (2008) 
- मिस आईबीएम हैदराबाद (2019)

इसके अलावा राज्य और जिला स्तर पर भी कई पुरस्कार उनके नाम हैं। 


संबंधित खबरें