बरेली: तेल फैक्टरी में टैंक सफाई के दौरान तीन मजदूूरों की मौत, चार की हालत गंभीर
यह हादसा सीबीगंज स्थित बीएल एग्रो की जौहरपुर यूनिट में हुआ। सुबह दस बजे के करीब नंदौसी गांव के रहने वाले नीरज, गोतारा गांव के यासीन व जौहरपुर गांव के विजय कुमार एटीपी प्लांट की सफाई करने 15 फीट गहरे टैंक में उतरे थे। सफाई के दौरान टैंक में करीब चार फीट तक मलबा बचा हुआ था।
बरेली। यूपी के बरेली जिले में मंगलार को एक बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में तेल कंपनी के प्लांट के एक टैंक की सफाई करने उतरे सात मजदूर मंगलवार को जहरीली गैस से बेहोश हो गए।
किसी तरह सभी को टैंक से बाहर निकाला गया। घायलों को भोजीपुरा स्थित एसआरएमएस मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। वहीं चार गंभीर मजदूरों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
यह हादसा सीबीगंज स्थित बीएल एग्रो की जौहरपुर यूनिट में हुआ। सुबह दस बजे के करीब नंदौसी गांव के रहने वाले नीरज, गोतारा गांव के यासीन व जौहरपुर गांव के विजय कुमार एटीपी प्लांट की सफाई करने 15 फीट गहरे टैंक में उतरे थे।
सफाई के दौरान टैंक में करीब चार फीट तक मलबा बचा हुआ था। जैसे ही मजदूरों ने उसे निकालना शुरू किया तो मलबे के अंदर से जहरीली गैस ऊपर आ गई, जिससे तीनों मजदूर बेहोश होकर टैंक में गिर पड़े। जब काफी देर मजदूर टैंक से नहीं निकले तो प्लांट के ही नितिन मिश्रा, प्रवीण, हेमराज, प्रभात कुमार उन्हें देखने पहुंचे।
जहरीली गैस की चपेट में आए
टैंक की सफाई के लिए तीनों मजदूर एक— एक करके उतरते गए सभी लोग जहरीली गैस की चपेट में आते गए। इसे देख अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। किसी तरह रस्सी बांधकर सभी कर्मचारियों को बाहर निकाला गया।
उन्हें तुरंत ही भोजीपुरा स्थित एक मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान नीरज, यासीन, विजय ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद फैक्ट्री प्रबंधन में हड़कंप मच गया। जानकारी होने पर फैक्ट्री के अधिकारी मौके पर पहुंचेंगे। सीओ सेकंड आशीष प्रताप सिंह, एडीएम सिटी राम दुलारे पांडेय, एसीएम सेकंड शिल्पा फैक्ट्री पहुंची और जांच शुरू की।
दो टीमें करेंगी मौत की जांच
बीएल एग्रो में जहरीली गैस के तीनों की मौत के बाद फैक्ट्री की ओर से दो टीमें गठित की गई हैं। टीम घटना की असल वजह का पता लगाएगी। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से भी पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह को सौंपी जाएगी।
तीन लोगों की मौत की सूचना के बाद पुलिस-प्रशासन भी हरकत में आया। घटना के बाद फारेंसिक टीम व डाग स्क्वाड को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने वहां से साक्ष्य जुटाए हैं। जिसमें घटना की असल वजह का पता चल पाएगा।
नहीं थे सुरक्षा उपकरण
फैक्ट्री में घटना के दौरान 15 फीट गहरे टैंक में उतरे मजदूर के पास सुरक्षा संबंधी कोई उपकरण मौजूद नहीं थे। वह केवल जूते पहन कर ही सीढ़ी के सहारे गहरे टैंक में उतरे थे। इसी दौरान उन्हें बचाने उतरे चार अन्य कर्मचारी भी गैस की चपेट में आने एक एक कर से बेहोश हो गए। जिनका उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है। जबकि फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि उनके पास सुरक्षा विभाग को संबंधित पूरे उपकरण मौजूद हैं लेकिन उनकी उपयोग क्यों नहीं किया गया, इसकी जांच होगी।
मौत के बाद मचा कोहराम
घटना के बाद मृतक नीरज व विजय के घर वाले फैक्ट्री गेट पर पहुंच गए। उनके साथ काफी संख्या में भीड़ साथ आई थी। जिसमें महिलाएं गेट के आगे बैठकर विलाप करने लगी।
घटनास्थल पर भीड़ को बढ़ता देख एहतियात के तौर पर पुलिस लाइन से फोर्स मंगाकर घटनास्थल पर तैनात की गई थी। वहीं दूसरी तरफ भोजीपुरा स्थित मेडिकल कालेज में भी मृतक के परिजन एकत्र हो गए। हालात संभालने के लिए पुलिस फोर्स भेजी गई।
जौहरपुर यूनिट के फैक्ट्री गेट पर मृतक नीरज की पत्नी प्रियंका पहुंच गई थी। वह कई बार विलाप के दौरान बेहोश हो गई। वहां मौजूद अन्य लोगों ने उसे पानी पिलाया। कुछ ही देर बाद मृतक विजय की पत्नी संध्या जी मौके पर पहुंच गयी। उसका भी रो-रो कर बुरा हाल था। मृतकों के परिजनों का कहना था कि उनके परिवार का गुजारा कैसे होगा।
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