कानपुर में बरपा कोरोना का कहर एक दिन में हुए 476 मृतकों के अंतिम संस्कार
मालूम हो कि सामान्य दिनों में इन घाटों पर 90 से 100 शवों का अंतिम संस्कार होता है।अब यह संख्या पांच गुना तक अधिक होने से स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो रही हैं। भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में दूसरे दिन भी कोरोना संक्रमित मरीजों समेत 62 शव पहुंचे। यहां दोनों भट्ठियों में शाम 6 बजे तक 16 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
कानपुर। कोरोना का कहर गुरुवार को कानपुर टूटा इस कदर मौत हुई कि घाटोंं पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिली। कानपुर में अब तक सबसे ज्याद 476 शव एक दिन में जलाए गए। लगातार पांचवें दिन घाटों पर जगह कम पड़ने पर रात आठ बजे तक गंगा किनारे रेत और पार्कों में चिताएं जलानी पड़ीं, जबकि बिजली शवदाह गृहों में रातभर अंतिम संस्कार चलता रहा।
यह कोई डराने वाली बात नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी है कि कोरोना किस कदर अब कहर बरपा रहा है, यदि अब भी हम नहीं जागे तो अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं होगा। सारे संसाधन कम हो जाएंगे। शव यहां-वहां दिखाई देंगे।
शहर में मृतकों की संख्या बढने से घाटों पर टोकन सिस्टम शुरू किया गया है। यह बात और है कि सरकारी आंकड़ों में गुरुवार को कोरोना से महज तीन मौतें हुईं। इसके अलावा छह मौतें देरी से पोर्टल पर अपडेट करने की जानकारी दी गई है। घाटों पर एक साथ दर्जनों चिताओं से उठतीं लपटें हकीकत अपने आप बया कर रही है।
मालूम हो कि सामान्य दिनों में इन घाटों पर 90 से 100 शवों का अंतिम संस्कार होता है।अब यह संख्या पांच गुना तक अधिक होने से स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो रही हैं। भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह में दूसरे दिन भी कोरोना संक्रमित मरीजों समेत 62 शव पहुंचे।
यहां दोनों भट्ठियों में शाम 6 बजे तक 16 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। 15 अन्य शव कतार में थे, जबकि कोरोना संक्रमित मरीजों सहित 31 का अंतिम संस्कार लकड़ियों से कराया गया। भैरोघाट श्मशानघाट में दाह संस्कार की पर्चियां बनाने वाले जितेंद्र कुमार ने बताया कि तड़के से रात 8 बजे तक 90 शव आए। लकड़ियों की कमी नहीं है। लेकिन, घाट पर जगह कम पड़ने से गंगा किनारे रेत में भी अंतिम संस्कार हुए। इसी तरह भगवतदास घाट के विद्युत शवदाह गृह में आठ और लकड़ियों से 45 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
स्वर्गाश्रम के प्रधान बल्देव राज मेहरोत्रा ने बताया कि 50 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। यह अब तक का इस घाट का सर्वाधिक शवों का रिकॉर्ड है।शव ज्यादा आने के कारण पार्क में भी अंत्येष्टि करनी पड़ रही है।
सिद्धनाथ घाट का प्रबंधन देख रहे भगत गुजराल ने बताया कि घाट पर 16 शवों का अंतिम संस्कार हुआ, जबकि इससे लगभग डेढ़ गुना ज्यादा चिताएं गंगा किनारे जलाई गईं। ड्योढ़ी घाट में भी रात आठ बजे तक अंतिम क्रिया चलती रही। बिठूर सहित अन्य घाटों और उनके आसपास गंगा किनारे अंतिम संस्कार किए गए।
गुरुवार को 1361 नए संक्रमित मिले
गुरुवार को संक्रमण की वजह से नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 1361 नए संक्रमित मिले हैं। कोरोना संक्रमण से अब तक 1028 लोग दम तोड़ चुके हैं। जिले में एक्टिव केस बढ़कर 15090 हो गए हैं। गुरुवार को 733 संक्रमित सही हो गए। इसमें 18 लोगों को अस्पताल से छुट्टी हुई, जबकि 715 का होम आइसोलेशन पूरा हुआ।