यूपी का रण: पूर्वांचल की 34 सीटें तय करने में सपा गठबंधन में तकरार, कई सीटों को लेकर आक्रोश
गठबंधन ने अब तक 369 उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए गए हैं। कुल 403 विधानसभा सीट में से अब शेष बचीं 34 सीटों को लेकर जोर आजमाइश चल रही है। सुभासपा का दावा है कि उसे करीब 14 सीटें मिलनी हैं। जिन सीटों पर उसने पहले दावा किया था, उन पर सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
लखनऊ। यूपी की राजनीति में पूर्वांचल काफी अहमियत रखता है। ऐसा कहा जाता है कि जो पूर्वांचल जिसने पूर्वांचल का किला फतेह कर लिया उसके लिए सत्ता के दरवाजे खुल जाते है। इसलिए इस विधान सभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूर्वांचल की 34 सीटों पर प्रत्याशी तय करने में सपा के पसीने छूट रहे हैं।
सहयोगी दलों और दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को समायोजित करने से चुनौती बढ़ गई है। कई जिलों में हुए विरोध को देखते हुए पार्टी हाईकमान फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। नाराज नेताओं के मान मनौव्वल की कोशिशें जारी हैं।
पार्टी मुख्यालय पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और जिला स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज लोगों को सरकार बनने पर मौका देने की दुहाई दे रहे हैं। 2017 में भाजपा को पूर्वांचल की 28 जिलों की 164 विधानसभा सीट में से 115 सीट मिली थी। जोकि भाजपा का अब तक का रिकॉर्ड है।
सपा और सुभासपा में तकरार
इस बार सपा और सुभासपा में गठबंधन हुआ है। गठबंधन ने अब तक 369 उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए गए हैं। कुल 403 विधानसभा सीट में से अब शेष बचीं 34 सीटों को लेकर जोर आजमाइश चल रही है। सुभासपा का दावा है कि उसे करीब 14 सीटें मिलनी हैं। जिन सीटों पर उसने पहले दावा किया था, उन पर सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
ऐसे में सुभासपा को मिलने वाली सीटों को लेकर संशय बना है। वह जिन सीटों पर दावा कर रही है, उन्हीं पर गठबंधन के दूसरे दल भी नजर लगाए हैं। इसी तरह अपना दल कमेरावादी पांच और सीटों पर दावा कर रहा है। जनवादी सोशलिस्ट भी पूर्वांचल की चार सीटों पर नजर गड़ाए है। महान दल भी एक सीट की ख्वाहिश रख रही है।
भाजपा और बसपा पृष्ठभूमि से वाले नेता भी अपने चहेतों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। सपा सूत्रों का कहना है कि गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं से साथ सपा नेताओं की लगातार बैठक हो रही है। सपा चाहती है कि गठबंधन में शामिल दल पहले संबंधित सीट पर उम्मीदवार का नाम बताए।
जबकि दूसरी पार्टी यह चाहती हैं कि उसे सीट दे दी जाए और वे अपने हिसाब से उम्मीदवार उतारें। इसी में पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के खाते में जाने वाली सात सीटों पर संबंधित पार्टी अधिकृत उम्मीदवार से संबंधित पत्र (फार्म बी) भी जारी कर चुकी हैं, लेकिन रस्साकशी की वजह से अभी तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
सपा गठबंधन की सीटें
मालूम हो कि अभी तक सपा 330 पर अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। 33 सीट पर राष्ट्रीय लोकदल और पांच सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाजपार्टी उम्मीदवार उतार चुकी है। अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ से मैदान में हैं।
इसी तरह सपा के टिकट पर प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जसवंत नगर से, डा. पल्लवी पटेल सिराथू से, महान दल के अध्यक्ष केशवदेव मौर्य की पत्नी सुमन फर्रुखाबाद सदर और बेटा चंद्र प्रकाश मौर्य बिल्सी से,जनवादी सोशलिस्ट के उपाध्यक्ष हसीब हसन को उतरौला से सपा के टिकट पर मैदान में हैं। इस तरह सपा व गठबंधन को मिलाकर अब तक 369 उम्मीदवार उतारे जा चुके हैं।
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