सावधान अगर अब वाहनों पर जातिसूचक शब्द लिखाया तो पड़ सकता है महंगा

टीम भारत दीप |

सरकार वाहनों पर जातिसूचक स्टीकर या शब्द लगे होने पर गाड़ी को सीज कर सकती है।
सरकार वाहनों पर जातिसूचक स्टीकर या शब्द लगे होने पर गाड़ी को सीज कर सकती है।

कार या बाइक के नंबर प्लटे पर जाति सूचक शब्द लिखे होने के कारण पुलिस को ई -चालान करने के लिए कई बार मुश्किलों का सामना करा पड़ता है, क्योंकि जाति सूचक शब्द लिखने के फेर में लोग नंबर को छोटे फॉन्ट में लिखा देते हैं इससे कैमरा नंबर को पकड़ नहीं पाते हे।

लखनऊ। महाराष्ट्र के एक शिक्षक द्वारा प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर शिकायत की गई थी। वाहनों पर जाति सूचक स्टीकर लगाकर दूसरे जातियों को ​नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है। इसलिए इस प्रचलन को बंद करना चााहिए। 

इसके अलावा कार या बाइक के नंबर प्लटे पर जाति सूचक शब्द लिखे होने के कारण पुलिस को ई-चालान करने के लिए कई बार मुश्किलों का सामना करा पड़ता है, क्योंकि जाति सूचक शब्द लिखने के फेर में लोग नंबर को छोटे फॉन्ट में लिखा देते हैं इससे कैमरा नंबर को पकड़ नहीं  पाते हे। 

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को पत्र लिखकर सख्त चेतावनी दी है कि अब वाहनों के नबंर प्लेट या कांच पर जाति सूचक शब्द न लिखे जाएं, इससे दूसरी जाति के लोगों को ​नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है।

सरकार वाहनों पर जातिसूचक स्टीकर या शब्द लगे होने पर गाड़ी को सीज कर सकती है। इसके अलावा वाहन मालिक को भारी चालान भी भरना पड़ सकता है। यानी अगर आपकी गाड़ी पर खान, यादव, क्षत्रिय, पंडित, जाट जैसे कोई भी जातिसूचक नाम लिखा है, तो ट्रैफिक पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।


दरअसल मोटर वाहन एक्ट के मुताबिक नंबर प्लेट पर अगर नंबर के अलावा कुछ भी लिखा है, तो परिवहन विभाग ऐसे वाहन और वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

यह होती है परेशानी

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नंबर प्लेट पर जातिसूचक शब्द या स्लोगन लिखने के कारण ऑनलाइन चालान करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा इन गाड़ियों को ट्रेस करना भी मुश्किल होता है।

आसान भाषा में समझें तो वाहनों के नंबर प्लेट पर लिखे अक्षर वैसे ही छोटे-छोटे होते हैं। ऐसे में स्लोगन के कारण ऑनलाइन चालान और ट्रैफिक पुलिस की तरफ से फोटो खींचने के बाद चालान की प्रक्रिया में काफी परेशानी आती हैं।

समाज विशेष का दबदबा

लोग वाहनों पर समाज विशेष का स्लोगन या जाति सूचक नाम लिखाकर अपने समाज का दबदबा बनाने की कोशिश करते है। यह उन जाति के लोगों को बुरा लगता है जो कमजोर वर्ग के होते है। कई बार तो किसी कार्यक्रम में शक्ति प्रदर्शन करने के लिए लोग वाहनों पर एक जैसा नाम लिखाकर चलते है। यह एक सर्व समाज के लिए सही नहीं है, इसलिए सरकार ने अब वाहनों पर केवल नंबर लिखाने का निर्देश रविवार को जारी किया है। 


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