सावधान क्या आपका सैनिटाइजर सेफ है या बीमारियों को दे रहा दावत, पढ़े एक चौंकाने वाली खबर

टीम भारत दीप |

44 से अधिक सैनिटाइजर में बेंजीन समेत कैंसर का खतरा पैदा करने वाले कई खतरनाक कैमिकल मिले हैं।
44 से अधिक सैनिटाइजर में बेंजीन समेत कैंसर का खतरा पैदा करने वाले कई खतरनाक कैमिकल मिले हैं।

इस अध्ययन में बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर की गुणवत्ता की जांच की गई । इस जांच में जो तथ्य सामने आया उसके अनुसार 44 फीसदी सैनिटाइजर में कैंसर को बढावा देने वाले तत्व निकले। इस अध्ययन में 260 से अधिक हैंड सैनिटाइजर पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई।

नईदिल्ली। इस समय देश में कोरोना की दूसरी लहर दिन-प्रतिदिन प्रबल होती जा रही है। फिर से सरकार लोगों को सुरक्षित शारीरिक दूरी और हैडंवाश और मास्क के साथ सैनिटाइजर के प्रयोग पर जोर दे रही है।

इसी बीच हुए एक अध्ययन से पूरी तरह डराने वाली खबर सामने आई है। अध्यक्ष से जो डेटा निकलकर सामने आए है उसके अनुसार हम जिन सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं, उनमें से 44 सैनिटाइजर में कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले खतरनाक रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह डेटा निश्चित रूपसे हमें सोचने केा मजबूर कर रहा है क्या हम जो सैनिटाइजर यूज कर रहे है उससे कैंसर तो नहीं फैलेगा।कोरोना वायरस की दस्तक देने के बाद से ही दुनिया भर में सैनिटाइजर की खपत बढ़ गई।

लोगों ने सैनिटाइजर को एक नए व्यवसाय के रूप में देखा और जगह-जगह सैनिटाइजर बनने लगे, कुछ तो मानक के अनुसार और कुछ मनाने तरीके से यह सैनिटाइज कितने खतरनाक या कितरने असरदार है जानने के लिए विस्तृत अध्ययन किया गया।

इस अध्ययन में बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर की गुणवत्ता की जांच की गई । इस जांच में जो तथ्य सामने आया उसके अनुसार 44 फीसदी सैनिटाइजर में कैंसर को बढावा देने वाले तत्व निकले।

इस अध्ययन में 260 से अधिक हैंड सैनिटाइजर पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई।  इसके बारे में वैलिजर ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि विभाग एफडीए को एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। 

एफडीए को लिखे पत्र में वैलिजर ने बताया कि कोरोना महामारी में हैंड सैनिटाइजर की मांग बढ़ गई है। इस बीच, न्यू हेवन स्थित एक ऑनलाइन फार्मेसी वेलिजर ने कई ब्रांन्ड के 260 से अधिक हैंड सैनिटाइजर पर अध्यन किया। इसमें 44 से अधिक सैनिटाइजर में बेंजीन समेत कैंसर का खतरा पैदा करने वाले कई खतरनाक कैमिकल मिले हैं।?
 
यह हैं बेंजीन

बेंजीन एक तरल रसायन है, जो आमतौर पर रंगहीन होता है, लेकिन कभी-कभी यह कमरे के  सामान्य तापमान पर पीले रंग का दिखता है। बेंजीन के उच्च स्तर के संपर्क में आने से शरीर में रक्त कणिकाएं सही तरीके से काम नहीं कर पाती हैं।

कभी-कभी लाल रक्त कणिकाएं बनना बंद हो जाती हैं या फिर व्हाइट ब्लड शेल्स कम होने लगती हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली बेहद कमजोर हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी रिसर्च ऑन कैंसर ने बेंजीन की पहचान एक कार्सिनोजेन के रूप में की है।

कार्सिनोजेन को सबसे अधिक जोखिम वाली श्रेणी ग्रुप-1 में रखा गया है। बता दें कि कार्सिनोजेन ऐसा पदार्थ, विकिरण या अन्य चीज होती है, जिस से शरीर में कर्क रोग कैंसर पैदा होने की संभावना बन जाए।


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