बीएचयू के प्रोफेसर ने बनाई जादुई स्याही जो आसानी से पकड़ेगी नकली मार्कशीट और नोट
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देश में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने या नकली नोट देकर बेवकूफ बनाने का समाचार आए दिन अखबारों की सूर्खिया बनते है। अब ऐसे मामलों को आसानी से पकड़ा जा सकता है।
वाराणसी। देश में फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने या नकली नोट देकर बेवकूफ बनाने का समाचार आए दिन अखबारों की सूर्खिया बनते है। अब ऐसे मामलों को आसानी से पकड़ा जा सकता है। इसे रोकने के लिए बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. विशाल मिश्रा का रिसर्च कारगर साबित हो सकता है।
डॉ. विशाल ने एक ऐसी स्याही तैयार की है, इसके प्रयोग से नकली मार्कशीट और नकली नोट को आसानी से पकड़ा जो सकेगा। डॉ. विशाल मिश्रा का यह शोध अमेरिकन केमिकल सोसायटी के द जर्नर्ल्स ऑफ केमिकल एजुकेशन में प्रकाशित होने के साथ ही पेटेंट के लिए भेजा गया, आवेदन भी स्वीकार हो गया है।
इस विषय में डॉक्टर विशाल मिश्रा ने बताया कि पहले से इस्तेमाल किए गए न्यूट्रेंट मीडिया नाम के केमिकल के प्रयोग से इस स्याही को तैयार किया गया है।
इस केमिकल का प्रयोग बैक्टीरिया के ग्रोथ के लिए किया जाता है। जो कि एक पाउडर की तरह होता है।पाउडर को शुद्ध पानी मे मिलाकर ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।
यह बहुत कम लागत वाली केमिकल है जो सूक्ष्म जीवों के विकास का समर्थन करने के लिए जैव रसायन, सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रयोगशाला में व्यापक रूप से उपयोग में किया जाता है। जो अल्ट्रावायलेट फ्लोरोसेंट स्याही तैयार की गई है उसका उपयोग कागज पर किया जाता है, तो यह दिन के उजाले में नहीं दिखाई देती है।
विशाल मिश्रा ने बताया कि अपनी टीम के साथ इस साल जनवरी में ही इस शोध को शुरू किया। अक्टूबर में पेटेंट भी स्वीकृत हो गया है।अब आईसीएमआर,डीएसटी,डीबीटी आदि जगहो पर इसे भेजने की योजना है, जिससे कि इस दिशा में आगे काम किया जा सके।
फ्लोरेसेंट स्याही लगे नोट और मार्कशीट को 360 नैनो मीटर अल्ट्रा वायलेट में आसानी से देखा जा सकता है। मालूम हो कि हर साल कई मामले फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने के सामने आते हैं। ऐसे मामलों विभाग बाद की परेशानियों से आसानी से बचा जा सकता है।