यूपी सरकार का बड़ा फैसला: कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों को मिलेगी इस पद पर नियुक्ति

टीम भारत दीप |
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कर्मचारियों के मृतक आश्रितों को लाभ मिल सकेगा।
कर्मचारियों के मृतक आश्रितों को लाभ मिल सकेगा।

मृतक आश्रितों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। दरअसल अभी तक विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान था।

लखनऊ। योगी सरकार ने ऐलान किया है कि कोरोना के कारण जिन्दगी गवां चुके बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के मृतक आश्रितों को सहायक अध्यापक और कनिष्ठ लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। दरअसल अभी तक विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान था।

बताया जा रहा है कि यूपी सरकार के इस फैसले से हाल ही में पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण के कारण काल के गाल में समा गए परिषदीय शिक्षकों और कर्मचारियों के मृतक आश्रितों को लाभ मिल सकेगा।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) सतीश द्विवेदी के अनुसार अब उन मृतक आश्रितों को जो बीएड/डीएलएड(पूर्व में बी टी सी) तथा टीईटी डिग्री धारक हैं, उन्हें अध्यापक तथा जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं है, लेकिन तृतीय श्रेणी में नियुक्ति की अर्हता रखते हैं। बताया गया कि उनको पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर तृतीय श्रेणी में नियुक्ति मिलेगी।

उनके मुताबिक पूर्व में अधिकांश शिक्षकों के मृतक आश्रित जो टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे वह उच्च शिक्षित होते हुए भी चतुर्थ श्रेणी में सेवा करने के लिए विवश होते थे। बताया गया कि क्योंकि तृतीय श्रेणी में पद रिक्त नहीं होते थे। उनके मुताबिक यह व्यवस्था उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं थी। इसी के दृष्टिगृत तृतीय श्रेणी की अर्हता रखने वाले मृतक आश्रितों को पद रिक्त न होने की स्थिति में भी अधिसंख्य पद पर नियुक्ति दी जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने इस निर्णय के जरिए उन शिक्षक व कर्मचारी संघों की नाराजगी को कम करने का प्रयास किया है

जो पंचायत चुनाव में मृत शिक्षकों व कर्मचारियों के परिजनों के प्रति सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगा रहे थे। बताया जा रहा है कि उनकी नाराजगी को देखते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार मृतकों के परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आएगी।

बताते चले कि पहले सरकार ने शिक्षक व कर्मचारी संघ के उन दावों को पूरी तरह नकार दिया था, जिसमें पंचायत चुनाव के दौरान 1600 से भी अधिक शिक्षक व कर्मचारियों की मौत की बात कही गई कही जा रही थी। फिर बढ़ते विरोध के चलते सरकार ने अपने रूख में नरमी लाई है। 


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