बड़ा खुलासा: सचिव ने ही कराया था यूपीटीईटी का पेपर लीक, ऐसे खुला राज, निलंबन के बाद गिरफ्तार
मंगलवार को पहले संजय उपाध्याय को सस्पेंड किया गया था। सरकार ने पेपर लीक होने में उनकी बड़ी चूक मानी है। बता दें कि सचिव संजय उपाध्याय ने पेपर लीक होने के बाद बयान दिया था कि वह एफआईआर कराएंगे, लेकिन खुद ही कार्रवाई की जद में आ गए।
लखनऊ।शिक्षक पात्रता परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ लगातार रोज नए खुलासे कर रही है। इस क्रम में परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया है। एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि प्रश्नपत्र लीक कराने में इनकी सहभागिता थी। अब तक 34 लोग पकड़े गए हैं। इनके पास से मिले दस्तावेजों से स्पष्ट हो गया कि ये प्रश्नपत्र परीक्षा में आने वाले थे।
मालूम हो कि मंगलवार को पहले संजय उपाध्याय को सस्पेंड किया गया था। सरकार ने पेपर लीक होने में उनकी बड़ी चूक मानी है। बता दें कि सचिव संजय उपाध्याय ने पेपर लीक होने के बाद बयान दिया था कि वह एफआईआर कराएंगे, लेकिन खुद ही कार्रवाई की जद में आ गए।
सरकार ने सस्पेंड रहने के दौरान संजय उपाध्याय को लखनऊ में यूपी बेसिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय से अटैच करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले एसटीएफ ने एग्जाम का पर्चा छापने वाली कंपनी के मालिक राय अनूप प्रसाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इस मामले में अभी और गिरफ्तारी हो सकती है।
गोरखपुर का रहने वाला प्रिंटिंग प्रेस मालिक
एसपी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि राय अनूप प्रसाद का दिल्ली के ओखला में प्रिंटिंग प्रेस है। वह मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाला है। दरअसल, थाना सूरजपुर में एसटीएफ ने पांच प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया है।
जांच में पता चला है कि कोलकाता, नोएडा, दिल्ली में स्थित कई प्रिंटिंग प्रेस में टीईटी की परीक्षा के प्रश्न पत्र छपवाए गए थे। इससे पहले बागपत से भी एक आरोपी एसटीएफ के हाथ लगा था।
मालूम हो कि 16 जून को गौतमबुद्ध नगर डायट के प्राचार्य संजय कुमार उपाध्याय का तबादला प्रभारी निदेशक राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान प्रयागराज के पद पर किया गया है। उन्हें परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया हैं। इसके तैनाती के समय में यह पहली परीक्षा कराई गई हैं।
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