बिहार:एचडीएफसी बैंक में दिनदहाड़े डाका, बोरों में नोट भरकर बदमाश हो गए फरार
ताजा मामला बिहार के वैशाली जनपद का है। यहां के हाजीपुर के जरुआ में बदमाशों ने दिनदहाड़े एचडीएफसी बैंक में लूट की घटना को अंजाम दिया है। बताया गया कि लूट की इस वारदात से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। इधर लूट की रकम एक करोड़ से ऊपर बताई जा रही है। वहीं वारदात के बाद पुलिस मौके पर पहुंच छानबीन में जुट गई।
वैशाली। बिहार में आपराधिक वारदातों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बेखौफ बदमाश आए दिन अपराधिक वादरातों को अंजाम देने से गुरेज नहीं कर रहे। ताजा मामला बिहार के वैशाली जनपद का है। यहां के हाजीपुर के जरुआ में बदमाशों ने दिनदहाड़े एचडीएफसी बैंक में लूट की घटना को अंजाम दिया है। बताया गया कि लूट की इस वारदात से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
इधर लूट की रकम एक करोड़ से ऊपर बताई जा रही है। वहीं वारदात के बाद पुलिस मौके पर पहुंच छानबीन में जुट गई। बताया जा रहा है कि बदमाश कितने रुपए लेकर फरार हुए हैं इसका आंकड़ा खबर लिखे जाने तक नहीं मिल सका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बदमाश बैंक से लूटे रुपयों को बोरे में भरकर भाग गए।
जानकारी के मुताबिक लूट की घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी वरिष्ठ मौके पर पहुंच गए हैं। बताया गया कि मुजफ्फरपुर के आईजी गणेश कुमार भी मौके पर पहुंचे। दरअसल बदमाशों ने गुरुवार दिन के करीब 11 बजे इस घटना को अंजाम दिया है। बताया गया कि पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।
बताया गया कि बैंक खुलने के थोड़ी देर बाद ही हथियार बंद अपराधी बैंक में घुस आए और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक बदमाशों ने इस दौरान बैंक कर्मचारियों और अंदर मौजूद ग्राहकों को हथियार के बल पर बंधक बना लिया था। बताया जा रहा है कि पांच बदमाश बाइक से बैंक में पहुंचे थे। लूट की घटना को अंजाम देने के बाद वह असलहा लहराते हुए आसानी यहां से फरार हो गए।
बताया गया कि बदमाशों के जाते ही बैंककर्मियों ने वारदात की सूचना पुलिस को दी। वहीं पुलिस बैंक और इसके आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों की पहचान करने में जुटी है। बताते चलें कि इससे पहले बदमाशों ने बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर थाना क्षेत्र के एनएच-28 स्थित स्टेट बैंक की शाखा में 19 मई को धावा बोलकर पौने आठ लाख रुपए की लूट की ओर फरार हो गए थे।
बढ़ती वारदातों के बीच प्रशासन बैंकों की सुरक्षा बढ़ाने की बजाए एक और लूट की घटना का इंतजार कर रहा था क्या?