बिकरू कांड: विकास दुबे के भाई समेत अन्य के आठ शस्त्रों के लाइसेंस निरस्त
बिकरू गांव में हुए पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद पुलिस प्रशासन लगातार इस कांड में शामिल विकास दुबे के करीबियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। चौबेपुर पुलिस ने विकास दुबे के भाई, परिवार समेत 29 के असलहा लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की थी।
कानपुर। डीएम कोर्ट ने विकास दुबे के भाई समेत बिकरू कांड से जुड़े आठ असलहा लाइसेंस को मंगलवार को निरस्त कर दिया है। लाइसेंस निरस्त होने के बाद सभी असलहों को जब्त कर लिया गया है।
प्रशासन ने अब तक 18 असलहा लाइसेंस निरस्त हो चुके हैं। 11 असलहा लाइसेंसों पर डीएम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। बिकरू गांव में हुए पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद पुलिस प्रशासन लगातार इस कांड में शामिल विकास दुबे के करीबियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है।
चौबेपुर पुलिस ने विकास दुबे के भाई, परिवार समेत 29 के असलहा लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की थी। सभी की सुनवाई डीएम कोर्ट में चल रही थी।पूर्व डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी की कोर्ट ने 10 असलहा लाइसेंस को निरस्त किया था।
कानपुर एनकाउंटर में जिन असलहों का इस्तेमाल हुआ था, उनमें से दस असलहों पर तमाम लोगों की उंगलियों के निशान थे। चार्जशीट के साथ लगाई गई एफएसएल टीम की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी साझा की गई है। यहां निशान एक-दूसरे को असलहा देने और लेने में आए।
जिलाधिकारी आलोक तिवारी की कोर्ट ने आठ असलहा के लाइसेंस को निरस्त कर दिया है। विकास दुबे का भाई बिकरू निवासी दीपक दुबे, श्रीकांत शुक्ला, रमेश चंद्र द्विवेदी, राकेश कुमार, रवींद्र कुमार, मदारीपुरवा निवासी सूरज सिंह और बसेन निवासी आशुतोष उर्फ शिव त्रिपाठी के दो असलहा लाइसेंस को निरस्त किया गया है।
पुलिस चार्जशीट में एफएसएल रिपोर्ट में यह कहा गया है कि दस असलहा जिसमें पिस्टल, राइफल और बंदूकों, तमंचों में एक से ज्यादा उंगलियों के निशान पाए गए हैं। इतना ही नहीं, असलहों में कुछ उंगलियों के निशान ऐसे हैं जो एक के ऊपर एक चढ़े हुए हैं। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि दो जुलाई को बिकरू में घटना के दौरान आरोपितों ने एक-दूसरे को असलहा दिए थे