बिकरू कांड: सात वर्षीय बेटी आठ माह बाद रिहा, मां और तीन साल की बेटी अभी जेल में बंद
दरअसल चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरू कांड के बाद विकास दुबे समेत सात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। वहीं इस कांड में अभी तक 43 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इन्हीं लोगों के साथ जेल गई एक निर्दोष को आखिर आठ माह बाद रिहाई मिली है।। कोर्ट के आदेश पर उसे मौसी के सुपुर्द कर दिया गया है।
कानपुर। कानुपर के चौबेपुर थाना क्षेत्र का बिकरू कांड खासा चर्चित रहा था। इस कांड में कईयों आरोपित जेल में हैं। इस बीच खबर है कि सात वर्षीय बेटी को आठ माह बाद जेल से रिहाई मिल गई है और उसे कोर्ट के आदेश पर उसके मौसी के सुपुर्द कर दिया गया है। दरअसल चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरू कांड के बाद विकास दुबे समेत सात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे।
वहीं इस कांड में अभी तक 43 आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इन्हीं लोगों के साथ जेल गई एक निर्दोष को आखिर आठ माह बाद रिहाई मिली है।। कोर्ट के आदेश पर उसे मौसी के सुपुर्द कर दिया गया है। बताया गया कि वह भी बीते आठ माह से आरोपितों के साथ ही जेल में दिन बिता रही थी, अभी उसकी बहन जेल में ही है।
बताते चलें कि चौबेपुर के गांव बिकरू में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस पर गैंगस्टर अपराधी विकास दुबे ने साथियों के साथ हमला बोल दिया था। इसमें सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों की धरपकड़ शुरू की। वहीं एनकाउंटर में आरोपित विकास दुबे, अमर दुबे समेत छह अपराधी एनकाउंटर में मार दिए गए।
पुलिस ने घटना के बाद विकास के मददगार और घटना की साजिश में शामिल रहे 36 पुरुष व महिला आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। बताया गया कि बीते दिनों विकास की फरारी में मदद करने और आश्रय देने वाले सात आरोपितों को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
पुलिस ने मामले में विकास दुबे के घर पर नौकरानी रेखा अग्निहोत्री और पति दयाशंकर अग्निहोत्री को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा था। जिनकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। बताया गया कि मां रेखा के साथ उसकी सात और तीन वर्षीय बेटी भी जेल में थी। आठ माह बाद बड़ी सात वर्षीय बेटी को कोर्ट के आदेश पर मौसी के सुपुर्द कर दिया गया है।
मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश मिश्रा द्वारा न्यायालय में उसकी बड़ी बेटी की सुपुर्दगी के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। साथ ही आरोपित रेखा की बहन गुड्डी ने न्यायालय में पेश हलफनामे में बेटी को उनके सुपुर्द करने का अनुरोध भी किया था। प्रार्थना पत्र के माध्यम से उन्होंने दलील दी थी कि बच्ची के जेल में रहने से उसे मानसिक आघात लगेगा।
साथ ही उसकी पढ़ाई भी प्रभावित होगी। बताया गया कि बेटी को उनके सुपुर्द करने से उसकी शिक्षा-दीक्षा के साथ ही लालन पालन बेहतर ढंग से हो सकेगा। इसी कारण न्यायालय ने बच्ची को मौसी के सुपुर्द करने का आदेश दिया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी के मुताबिक न्यायालय ने रेखा की बड़ी बेटी को उसकी मौसी के सुपुर्द कर दिया है।